नई दिल्ली। भारत ने नव विकास बैंक (एनडीबी) की सदस्यता के विस्तार का समर्थन के साथ ही क्षेत्रीय संतुलन पर भी जोर दिया है। रूस की अध्यक्षता में ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की पहली बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई। बैठक को संबोधित करते हुए वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सहमति वाले समाधान से कर प्रणाली में निष्पक्षता, समानता और स्थिरता सुनिश्चित हो सकेगी।
सीतारमण ने कहा कि जी-20 ने इस साल कई महत्वपूर्ण पहल की हैं, जिसमें ब्रिक्स के सभी सदस्य शामिल हैं। इन पहल में कोविड-19 को लेकर जी-20 कार्रवाई योजना शामिल है। वित्त मंत्री ने कहा कि जी-20 की पहल से लोन के भुगतान पर स्थगन की पहल से कम आय वर्ग के देशों के लिए नगदी की जरूरत पूरा करने में मदद मिली है। इस बैठक के एजेंडा में 2020 और जी-20 सऊदी प्रेसीडेंसी के परिणामों पर भी विचार-विमर्श किया गया। दरअसल ये एनडीबी की सदस्यता के विस्तार को प्रोत्साहित करने के लिए एक डिजिटल मंच है।
बैठक के बाद वित्त मंत्रालय ने जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि वित्त मंत्री सीतारमण ने एनबीडी की सदस्यता का विस्तार करने और क्षेत्रीय संतुलन के महत्ता पर भी जोर दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था के काराधान के समाधान में मौजूदा अंतरराष्ट्रीय प्रयासों पर सहमति वाले समाधान से कर प्रणाली में निष्पक्षता, समानता और स्थिरता सुनिश्चित हो सकेगी। गौरतलब है कि अभी ब्रिक्स देश एनबीडी के सदस्य हैं। एनडीबी की स्थापना भारत ने अन्य ब्रिक्स देशों ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के सहयोग से की थी। (एजेंसी, हि.स.)
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