जबलपुर (Jabalpur) । दो महाद्वीपों पर तिरंगा फहराने (hoisting Tiranga) के बाद अब जबलपुर शहर (Jabalpur City) के अंकित सेन (Ankit Sen) तीसरे महाद्वीप पर जाने की तैयारी में हैं. दरअसल, माउंटेन मैन अंकित सेन अब 15 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप (Australia Continent) के सबसे ऊंचे शिखर माउंट कोजिअस्को (Mount Kosciuszko) में भारत देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे. जिसके लिए वह जल्द ही शहर से रवाना होंगे. गौरतलब है कि इसके पहले भी अंकित ने 26 जनवरी 2023 को अफ्रीका महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर माउंट किलमजारों और 15 अगस्त 2023 को यूरोप महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर माउंट एलब्रश में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था.
दरअसल, अंकित सेन जबलपुर के एक छोटे से गांव मझौली में रहते हैं. जिनके पिता लेबर हैं जो खेत में रहकर काम करते हैं, जबकि मां हाउस वाइफ हैं. अंकित का सपना है कि सातों महाद्वीप में जाकर भारत का झंडा फहराएं. फिर विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट में जाएं. फिलहाल अभी तक अंकित ने दो महाद्वीपों की यात्रा पूरी कर ली है. जबकि अब तीसरी यात्रा ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर की होगी. जिसको लेकर अंकित 6 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होंगे. इसके लिए वीजा भी तैयार हो चुका है और अंकित ने तैयारी भी पूरी कर ली हैं.
माइनस में रहेगा टेंपरेचर, सिक्किम और हिमाचल में की ट्रेनिंग
अंकित ने लोकल 18 से चर्चा करते हुए बताया कि ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में माइनस में टेंपरेचर रहेगा. जिसको लेकर करीब 1 साल से हिमाचल और सिक्किम की चोटी में जाकर ट्रेनिंग कर रहे थे. उन्होंने बताया भारत और ऑस्ट्रेलिया के वातावरण में बहुत अंतर है. जिसको लेकर बॉडी को एक साल में प्रिपेयर किया है. उन्होंने बताया जिस चोटी पर चढ़ना है उसकी ऊंचाई 7,310 फीट लगभग हैं. जो कि ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर की चोटी है. हालांकि अंकित का कहना है कि सबसे पहला टास्क पैसे का होता है. क्योंकि महाद्वीप पर चढ़ने के लिए ट्रेनिंग से लेकर चोटी तक पहुंचने का सफर कठिन होता है. हालांकि आर्थिक तंगी के कारण लोगों ने काफी मदद की है, जिसके चलते अभी तक दो महाद्वीप का लक्ष्य पूरा कर पाए हैं.
करीब 3 लाख रुपए जुटाने में लगे हुए हैं अंकित
माउंटेन मैन अंकित का कहना है दो महाद्वीप में जाने के बाद काफी खर्च हो चुका है. जिसके चलते अब फिर तीसरा पड़ाव पार करने के लिए पैसे जुटाने की जुगत में लग गए हैं. हालांकि उन्होंने कहा कुछ पैसे का बंदोबस्त हो चुका है, जहां काफी लोगों ने उनकी मदद की है. उन्होंने बताया ऑस्ट्रेलिया के सबसे ऊंचे शिखर तक जाने के लिए करीब तीन लाख रुपए खर्च होगा. अंकित का कहना है 6 से 7 घंटे खुद को देते हैं, जिसमें एडवेंचर स्पोर्ट्स से लेकर साइकलिंग, स्विमिंग पूल और ट्रैकिंग सहित अन्य चीज अलग-अलग समय पर जाकर प्रेक्टिस कर किया करते हैं और भारत का पताका लहराने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved