नई दिल्ली। भारत (India) और चीन (China) सामान्य तरीके से पूर्वी लद्दाख में पूर्व वाली यथास्थिति बहाल करने में सक्षम हैं क्योंकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता रहे, यह दोनों देशों के हित में है। यह बात तीनों सेनाओं के प्रमुख (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) ने कही है। थिंक टैंक के एक कार्यक्रम में जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने कहा, भारत कोई भी अप्रत्याशित कदम उठाने के लिए तैयार(India ready to take any unexpected step) है, जैसा कि पूर्वी लद्दाख इलाके में उसने उठाया था। हमने सभी को हमेशा तैयार रहने के लिए कहा है। चीजों को हल्के में न लें। हम कोई भी अप्रत्याशित कदम उठाने और जवाब देने के लिए तैयार हैं। जैसा हमने भूतकाल में किया है, वैसा हम भविष्य में करने में भी सक्षम हैं।
जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने यह बात एक सवाल के जवाब में कही। जाहिर है भूतकाल में उठाए कदम से उनका आशय पैंगोंग लेक इलाके में ऊंचाई वाले इलाकों में मई 2020 में रातों-रात सेना की तैनाती थी। इसके बाद घुसपैठ करने वाली चीनी सेना भारतीय सैनिकों के निशाने पर आ गई थी और उसी के बाद चीन के तेवर ढीले पड़ गए थे और वहां से चीनी सैनिकों को वापस अपनी सीमा में लौटना पड़ा था। इस समय डेप्सांग समेत कुछ इलाकों में चीनी सैनिक काबिज हैं और अपनी मौजूदगी को मजबूत कर रहे हैं। चीन के अवैध कब्जे वाले इलाकों में सामान्य स्थिति की बहाली के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में जनरल रावत ने कहा, दोनों पक्ष राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत जारी रखें, समस्या का शांतिपूर्ण निदान निकल आएगा। इसमें थोड़ा समय लग सकता है लेकिन सामान्य तरीके से यथास्थिति बहाल करने का यही एकमात्र तरीका है। तीनों सेनाओं के प्रमुख जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने कहा कि अगर पहले वाली यथास्थिति पैदा नहीं होती है तो जाहिर है कि अप्रत्याशित घटनाओं का खतरा बना रहेगा। इसलिए दोनों देशों को समझ लेना चाहिए कि पूर्व वाली स्थिति कायम होना क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए जरूरी है। एक अन्य सवाल के जवाब में जनरल रावत ने कहा, चीन अगर पीछे हटने के अपने वचन से मुकरता है तो भारत भी अपने इलाके को वापस पाने के लिए सेना और संसाधन बढ़ाएगा।