नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना (global pandemic corona) से पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मौत हुई और अभी भी यह क्रम जारी है। इन मौतों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पिछले माह एक रिपोर्ट भी जारी की जिसमें पूरी दुनिया में कहां कितनी मौत हुई इसका खुलासा किया था। जिसमें भारत भी शामिल था, हालांकि भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के उस दावे का खंडन किया है, जिसमें विश्व स्वास्थ्य निकाय ने कहा है कि भारत में कोविड-19 की वजह से 47 लाख लोगों ने जान गंवाई है। ये संख्या भारत की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों से करीब 10 गुना ज्यादा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत लगातार विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी किए जाने वाले गणितीय मॉडल के आधार पर अधिक मृत्यु दर अनुमान लगाने के लिए अपनाई गई कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताता रहा है। वहीं अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच (wef) में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रतिनिधियों के साथ भारत में अतिरिक्त कोविड-19 मृत्यु दर के मामले पर अनौपचारिक चर्चा कर सकता है। इस मामले से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया इस समय डब्ल्यूईएफ में भाग लेने के लिए अपने कुछ कैबिनेट सहयोगियों के साथ जिनेवा में हैं। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री WHO के हालिया विवादास्पद दावे का मुद्दा उठा सकते हैं।
दरअसल कुछ समय पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़े जारी किए थे जो भारत सरकार के आंकड़ों से काफी भिन्न थे। इसमें कहा गया था कि कोविड की वजह से भारत में 1 जनवरी, 2020 से 31 दिसंबर, 2021 के बीच 47 लाख मौतें हुई थीं। जबकि भारत सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक यह संख्या लगभग 520,000 बताई गई है। WHO की रिपोर्ट जारी होने के बाद नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा था, “भारत स्पष्ट रूप से इन नंबरों को खारिज करता है। हम डब्ल्यूएचओ के साथ इस मामले को उठाएंगे, और दुनिया के सामने अपना स्टैंड भी रखेंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved