नई दिल्ली । राजस्थान और मध्य प्रदेश में दस्तक के बाद अब बर्ड फ्लू को लेकर झारखंड, हिमाचल प्रदेश में भी प्रदेश सरकारों ने अलर्ट जारी किया है। यह बीमारी एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस एच5एन1 के कारण होती है, जिसकी चपेट में आकर पक्षी दम तोड़ देते हैं। साथ ही यह इंसानों के लिए भी बेहद खतरनाक है, जिससे जान जाने का भी खतरा रहता है। बर्ड फ्लू के कहर को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया है।
राजस्थान
राजस्थान में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएन्जा) के संक्रमण को लेकर दहशत कायम हो गई है। झालावाड़ में कौओं की आकस्मिक मौतों से शुरू हुआ यह सिलसिला अब प्रदेशभर के कई जिलों तक पहुंच गया है। झालावाड़ में आकस्मिक मरे कौओं के सैम्पल भोपाल की लैब में भेजने के बाद उनमें बर्ड फ्लू के संक्रमण की पुष्टि हुई हैं। ऐसे में अब पशुपालन विभाग ने पूरे राज्य के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। बीकानेर जिले के पांचू और लूणकरणसर में कौवे मृत मिलने के बाद सोमवार को श्रीडूंगरगढ़, नापासर और बाना गांव में मृत कौवे देखने को मिले हैं। बीकानेर में अब तक पांच जगहों से 20 कौवे मृत मिले हैं, जिसके बाद वन विभाग बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट मोड पर है।
प्रदेश के जिन इलाकों में पक्षियों की आकस्मिक मौतें हो रही हैं, वहां संबंधित जिला प्रशासन घटनास्थल के एक किलोमीटर वर्ग परिधि में धारा 144 लगा रहे हैं। साथ ही जलस्रोतों के इर्द-गिर्द पक्षियों के सामूहिक एकत्रीकरण पर रोक लगाने के आदेश जारी किए जा रहे हैं। जयपुर समेत 7 जिलों में अब तक करीब 250 से ज्यादा कौओं की मौत हो चुकी है। गुजरे 24 घंटे में झालावाड़ में 100, कोटा में 47, बारां में 72, पाली में 19, जोधपुर में 7 व जयपुर में 7 कौओं समेत 252 की मौत हुई हैं। पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने स्थिति पर नजर रखने के लिए राज्य स्तर के साथ जिला स्तर व ब्लॉक स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। स्थिति पर निगरानी रखने के लिए विशेषज्ञ दल गठित करके कोटा, जोधपुर, भरतपुर एवं अजमेर सम्भाग के लिए रवाना किए गए हैं।
मध्य प्रदेश
प्रदेश में हो रही कौओं की मृत्यु पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिये पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के निर्देश पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रदेश के सभी जिलों को सतर्क रहने तथा किसी भी प्रकार की परिस्थिति में कौओं और पक्षियों की मृत्यु की सूचना पर तत्काल रोग नियंत्रण के लिए भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश में 23 दिसम्बर से 3 जनवरी, 2021 तक इंदौर में 142, मंदसौर में 100, आगर-मालवा में 112, खरगोन जिले में 13, सीहोर में 9 कौओं की मृत्यु हुई है। मृत कौओं के सैम्पल भोपाल स्थित स्टेट डीआई लैब तत्काल भेजे जा रहे हैं। इंदौर में कंट्रोल-रूम की स्थापना कर रेपिड रिस्पांस टीम द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
इंदौर शहर के डेली कॉलेज परिसर में सोमवार को छह और कौवे मृत पाए गए। इन्हें मिलाकर बर्ड फ्लू से मरने वाले कौवों की संख्या 154 हो गई है। बर्ड फ्लू की आशंका के बीच डेली कॉलेज के आसपास के एरिया में पशु चिकित्सा विभाग ने सक्रियता बढ़ा दी है। इंदौर चिड़ियाघर को भी सर्विलांस एरिया मानते हुए दवाइयों का छिड़काव शुरू कर दिया गया है। यहां पर सुबह-शाम पक्षियों के पिंजरे, जालियों सहित मुख्य स्थानों पर एंटी वायरल ड्रग का भी स्प्रे करवाया जा रहा है। आज जहां-जहां मृत कौवे मिले और जहां-जहां वे बैठते रहे, सभी जगह को सैनिटाइज करने के साथ ही नमक और चूने का मिश्रण बनाकर छिड़काव करवाया गया। इसके अलावा मृत कौवों को डेली कॉलेज परिसर में ही गड्ढा खोदकर दफनाया जा रहा है। सबसे पहले गड्ढा खोदकर उसमें नमक और चूना डाला जा रहा है। इसके बाद कौवों को रखकर ऊपर से फिर से यह मिश्रण डालकर मिट्टी से दबाया जा रहा है। सोमवार को डेली कॉलेज के आसपास मुर्गे-मुर्गियों की दुकानों से 40 सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं।
झारखण्ड
पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी करके पशुपालन विभाग ने राज्य के सभी डीसी को इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी भेजकर तत्काल आवश्यक कदम उठाने को कहा है। विभाग से जारी निर्देश में कहा गया है कि किसी भी पक्षी की अस्वाभाविक मृत्यु होने पर तत्काल इसकी सूचना पशुधन सेवाएं विभाग और अन्य अधिकारियों को दी जाए। पक्षी के बिसरे को जांच के लिए लैब भेजे जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। हालांकि पशुपालन विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अभी राज्य में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन फौरी कदम उठाते हुए अलर्ट जारी किया गया है। बर्ड फ्लू को लेकर आम जनता में अनावश्यक भय और भ्रांति न फैलने पाए, इसके लिए भी निर्देशित किया गया है।
रांची के बिरसा एग्रीकल्चर के डॉक्टर सुशील प्रसाद ने बताया कि अब तक झारखंड में बर्ड फ्लू का कोई मामला नहीं पाया गया है लेकिन पड़ोसी बंगाल से आने वाले पक्षी मुसीबत बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी मुर्गी पालक के यहां 10 से अधिक मुर्गियों की मौत होती है तो शीघ्र वेटनरी के डॉक्टर से संपर्क करें और उसकी जांच कराएं। यह वायरस बांग्लादेश देश से होते हुए भारत में प्रवेश करता है। खासकर बंगाल जैसे राज्यों से मुर्गियों के आयात के कारण बर्ड फ्लू की आशंका बढ़ जाती है।
गुजरात
गुजरात के जूनागढ़ जिले के बांटवा गांव में कई पक्षी मृत पाए गए हैं। सोमवार को गांव से 53 पक्षियों के शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही पता लग सकेगा कि इन पक्षियों की मौत का कारण बर्ड फ्लू या कुछ और। रेंजवन अधिकारी ने आशंका जताई है कि पक्षियों की मौत का कारण बर्ड फ्लू भी हो सकता है। इसी बीच राज्य के वन्यजीव विभाग ने केन्द्र सरकार की सलाह पर राज्यभर में बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर अलर्ट जारी किया है। गुजरात के मुख्य वन्यजीव वार्डन श्यामल टिकादार ने बताया कि राज्य में बर्ड फ्लू की आशंका के चलते अलर्ट जारी किया है। बांटवा में टिंटोडी व अन्य पक्षियों की मौत की जानकारी मिली है।माणावदर के रेंजवन अधिकारी एए चावड़ा ने सोमवार को बताया कि जूनागढ़ जिले के बंटवा गांव में 53 मृत पक्षी पाए गए हैं। इनमें टिटोडी, नकटो, बगली, डक पक्षी शामिल हैं। इनकी मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं ज्ञात नहीं है। इनका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश
बर्ड फ्लू की आशंका के चलते धर्मशाला के जिला प्रशासन ने पौंग झील क्षेत्र के फतेहपुर, ज्वाली और देहरा के एसडीएम को अलर्ट करते हुए उन्हें इस पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। अभी तक पौंग झील क्षेत्र के आसपास करीब 1700 पक्षियों की मौत हो चुकी है। पौंग झील में विदेशी पक्षियों के मरने के सैम्पल पालमपुर और जालंधर भेजे गए थे। यहां की रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। हालांकि भोपाल से आने वाली रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा कि यह बर्ड फ्लू का कौन सा प्रकार है। उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने पौंग झील के चार उपमंडलों देहरा, फतेहपुर, इंदौरा और ज्वाली में पॉल्ट्री फार्म में विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी है। चार उपमंडल इंदौरा, फतेहपुर, जवाली व देहरा में मुर्गा व अंडे की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। संबंधित दुकानें आज से आगामी आदेश तक बंद रहेंगी। ये चारों उपमंडल पौंग बांध से सटे हुए हैं। ऐसे में प्रशासन ने यहां अलर्ट जारी किया है।
उन्होंने बताया कि पौंग बांध का एक किलोमीटर क्षेत्र रेड जोन बनाया गया है। इसके अलावा नौ किलोमीटर तक क्षेत्र सर्विलांस जोन बनाया गया है। पौंग बांध क्षेत्र में आवाजाही पर प्रशासन ने तीन दिन पहले ही रोक लगा दी थी। पहले प्रशासन स्थानीय लोगों पर शिकार का शक जता रहा था लेकिन परिंदों की मौत का आंकड़ा बढ़ने पर अधिकारी हरकत में आते हुए पर्यटन की गतिविधियों पर तुरंत रोक लगा दी थी। उपायुक्त ने वन्य प्राणी विंग और अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर आगामी रणनीति तैयार की है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved