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    भारत ने अन्य देशों की तुलना में कोरोना के नए वेरिएंट को बेहतर तरीके से मैनेज किया- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय

  • March 17, 2022


    नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के कारण वैश्विक स्तर (Global Covid Case) पर कोरोना मामले में पिछली लहरों की तुलना में छह गुना अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है, लेकिन भारत में मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने और कम मौतों के कारण इस घातक वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में कामयाबी मिली.

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने कहा कि 15 मार्च को समाप्त सप्ताह में औसतन 3,536 मामले आ रहे है थे, जोकि वैश्विक मामलों के 0.21 प्रतिशत हैं. उसने बताया कि कई देशों अभी भी मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर 15-17 लाख मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन भारत में रोजाना लगभग 3000 मामले सामने आ रहे हैं.

    स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने Covid-19 को प्रबंधित करने के लिए भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया पर एक वेबिनार में एक प्रस्तुति के दौरान कहा, “देश ने ओमिक्रॉन वृद्धि को दूसरों की तुलना में बेहतर तरीके से प्रबंधित किया.” उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर, 2021 तक जब तीसरी लहर के पहले लक्षण सामने आए तब तक भारत ने 90.8 प्रतिशत आबादी को पहली खुराक और 65.4 प्रतिशत को दूसरी खुराक से टीका लगाया था, जो जीवन बचाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ.


    भारत ने 180 करोड़ से अधिक टीके की खुराक दी, जो अमेरिका से 3.2 गुना ज्यादा
    अधिकारियों ने कहा कि भारत ने 180 करोड़ से अधिक टीके की खुराक दी है जो संयुक्त राज्य अमेरिका की 3.2 गुना और फ्रांस की 12.7 गुना है. अधिकारियों ने कहा, एक करोड़ खुराक को एक वर्ष से भी कम समय में लगाया गया. मंत्रालय के अनुसार, 96.74 करोड़ वयस्क लाभार्थियों को भारत में कम से कम पहली खुराक मिली है जो अमेरिका की आबादी का 2.96 गुना और रूस की आबादी का 6.71 गुना है. इसके अलावा, 81.52 करोड़ लोगों पूरी तरह से टीका लगाए गया है जो ब्राजील की आबादी का 3.83 गुना और ब्रिटेन की आबादी का 12.13 गुना है.

    स्वास्थ्य मंत्रालय ने लगातार लोगों को किया जागरूक
    एक अधिकारी ने गैर सरकारी संगठनों के साथ एक बैठक में कहा, “जल्दी पहचान, निर्बाध प्रवेश और नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल के प्रभावी कार्यान्वयन पर ध्यान देने के साथ, भारत मौतों की संख्या को सीमित करने में सक्षम रहा है.” उन्होंने कहा कि एनजीओ ने समुदाय में डर को दूर करने, टीके की झिझक को दूर करने, लोगों को टीकाकरण के लाने, टेस्टिंग, फेसिलिटी एडमिशन, कमजोर लोगों तक पहुंचने और सबसे जरूरी रूप से प्रामाणिक जानकारी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. स्वास्थ्य ममंत्रालय ने समय पर टीकाकरण, फेस मास्क पहनने और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने को लेकर लगातार अपील की. उसने यह भी कहा कि एनजीओ के साथ निरंतर सहयोग COVID-19 के खिलाफ लंबे समय से चली आ रही लड़ाई के लाभ को संरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण है.

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