नई दिल्ली: एशिया कप के सुपर-4 मुकाबले में भारत को पाकिस्तान ने 5 विकेट से हराया. पाकिस्तान ने एक गेंद रहते 182 रन के टारगेट का पीछा कर लिया. भारत ने इस मैच में बल्लेबाजी करते हुए अच्छी शुरुआत की थी. लेकिन, लगातार अंतराल पर विकेट गिरने से टीम इंडिया अच्छी शुरुआत को भी बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाई. इसके बाद गेंदबाजी और फील्डिंग में भी कई गलतियां हुईं, जो भारत को ले डूबीं.
अब अगर भारत को फाइनल तक का सफर तय करना है, तो उसे अगले मुकाबले में श्रीलंका को हराना होगा. ऐसा तभी संभव है, जब भारत उन 3 गलतियों को न दोहराए, जो उसने पाकिस्तान के खिलाफ की थीं और जिसका खामियाजा उसे हार के रूप में उठाना पड़ा. आइए आपको एक-एक कर बताते हैं भारत की वो 3 गलतियां.
अटैक की रणनीति काम नहीं कर रही
रोहित शर्मा जब से भारतीय टीम के कप्तान बने हैं, तो टीम इंडिया विपक्षी के खिलाफ आक्रामक रणनीति के साथ बल्लेबाजी कर रही है. खासतौर पर टी20 क्रिकेट में तो पहली ही गेंद से भारतीय टीम विपक्षी पर अटैक कर रही है. पिछली कुछ सीरीज में इसका फायदा भी मिला है. खासतौर पर इंग्लैंड दौरे पर भारत की यह रणनीति कारगर रही थी. लेकिन, एशिया कप में यह रणनीति भारत पर भारी पड़ रही है.
पाकिस्तान के खिलाफ रोहित शर्मा ने भारत को धमाकेदार शुरुआत दिलाई. उन्होंने केएल राहुल के साथ मिलकर पहले 5 ओवर में ही 54 रन जोड़ डाले. लेकिन, वो लगातार बड़े शॉट मारने की कोशिश करते रहे और इस चक्कर में आउट हो गए. अगले ही ओवर में केएल राहुल ने भी कुछ इसी अंदाज में शॉट खेलने के चक्कर में अपना विकेट गंवा दिया.
हालात के हिसाब से बल्लेबाजी करनी होगी
सूर्यकुमार यादव ने भी आते ही बाउंड्री से शुरुआत की. लेकिन, वो भी पाकिस्तानी गेंदबाजों को अटैक करने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठे. ऋषभ पंत ने भी इसी सोच के साथ बल्लेबाजी की कोशिश की और वो भी गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलकर आउट हो गए. भारत को इसका खामियाजा उठाना पड़ा और तेज शुरुआत के बावजूद बल्लेबाजी के लिए माकूल विकेट पर भारत 182 रन ही बना पाया. श्रीलंका के खिलाफ कप्तान रोहित को इस गलती को दोहराने से बचना होगा और मैच की परिस्थिति को समझते हुए खेलना होगा.
प्लेइंग-XI का सही चुनाव करना जरूरी
रवींद्र जडेजा के चोटिल होने की वजह से रोहित शर्मा को पाकिस्तान के खिलाफ प्लेइंग-XI में बदलाव करना पड़ा. भारत ने इस मैच में तीन खिलाड़ी बदले. हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ आराम करने वाले हार्दिक पंड्या की वापसी तय थी. लेकिन, एक फैसले ने सबसे ज्यादा चौंकाया. वो था दिनेश कार्तिक का प्लेइंग-XI में न होना. कार्तिक ने जब से भारतीय टी20 टीम में वापसी की है, वो मैच फिनिशर का रोल बखूबी निभा रहे हैं.
फिर भी रोहित ने कार्तिक पर पंत को तरजीह दी और वो खराब शॉट खेलकर आउट हो गए. रवींद्र के स्थान पर अक्षर को मौका दिया जा सकता था. वो जडेजा की तरह कसी हुई गेंदबाजी करते हैं. साथ ही जरूरत पड़ने पर रन भी बना सकते हैं. श्रीलंका के खिलाफ टीम चुनते वक्त भारतीय टीम मैनेजमेंट को इस गलती का ध्यान रखना होगा.
रोहित को खिलाड़ियों का बेहतर इस्तेमाल करना होगा
रोहित शर्मा ने पाकिस्तान के खिलाफ अच्छी कप्तानी नहीं की. उन्होंने दीपक हुडा को प्लेइंग-XI में शामिल करके अच्छा फैसला तो लिया. लेकिन, मैच में बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी में उनका सही इस्तेमाल नहीं किया. हुडा पहली ही गेंद से विपक्षी टीम पर प्रहार करते हैं. उनका हालिया फॉर्म भी अच्छा है.
ऐसे में उन्हें ऋषभ पंत और हार्दिक पंड्या से पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा जा सकता था. हुडा 7वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे. तब तक 15 ओवर का खेल हो चुका था. ऐसे में उन्हें सेट होने के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिला. अगर रोहित उन्हें पहले बल्लेबाजी के लिए भेजते तो भारत बड़ा स्कोर खड़ा कर सकता था.
हुडा से गेंदबाजी करा सकते थे
रोहित ने गेंदबाजी में भी हुडा का इस्तेमाल नहीं किया. जब हार्दिक पंड्या, युजवेंद्र चहल और दूसरे गेंदबाज महंगे साबित हो रहे थे, तब भी भारतीय कप्तान ने पाकिस्तान के बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ ऑफ स्पिन गेंदबाजी करने वाले हुडा को गेंद नहीं थमाई. उनका यह फैसला भारी पड़ गया और बाएं हाथ के बल्लेबाज मोहम्मद नवाज ने बीच के ओवर में 20 गेंद में 42 रन ठोक पाकिस्तान को जीत दिला दी.
भारत को श्रीलंका के खिलाफ इस गलती को दोहराने से बचना होगा. श्रीलंका के खिलाफ अगर हुडा को मौका दिया जाता है, तो फिर रोहित को एक गेंदबाज के तौर पर भी उनका इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि श्रीलंकाई टीम में भी बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं.
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