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    तेल सप्लाई के मामले में भारत का सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर बना रूस, सऊदी अरब और इराक पिछड़े

  • November 07, 2022

    नई दिल्‍ली । रूस (Russia) तेल सप्लाई के मामले में भारत (India) का सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर (Business partners) बनकर उभरा है. रूस अब भारत को सबसे अधिक तेल सप्लाई (Oil supply) कर रहा है. इससे पहले सऊदी अरब और इराक (Saudi Arabia and Iraq) का नाम हुआ करता था. लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पूरा समीकरण बदल गया है. युद्ध के दौरान रूस ने भारत को सबसे अधिक तेल सप्लाई किया है. इसके बाद रूस ही भारत का सबसे बड़ा सप्लायर बन गया है. यह जानकारी एनर्जी कार्गो ट्रैकर वोर्टेक्सा ने दी है. अक्टूबर की रैंकिंग में यह बात सामने आई है.

    रिपोर्ट में बताया गया है कि अक्टूबर महीने में भारत के कुल कच्चे तेल के आयात में 22 फीसद हिस्सेदारी रूस की रही. इसके बाद 20.5 परसेंट के साथ इराक और 16 परसेंट के साथ सऊदी अरब का नाम रहा. रूसी तेल की सप्लाई तब से और ज्यादा बढ़ गई है जब से उसने भारत को डिस्काउंट रेट पर तेल बेचने का ऐलान किया है. यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर तमाम तरह की पाबंदियां लगा दीं जिनमें तेल की ट्रेडिंग पर प्रतिबंध भी शामिल है. इसके बाद रूस ने भारत को सस्ती दरों पर तेल सप्लाई शुरू कर दिया. भारत भी इसका पूरा फायदा उठा रहा है.


    एक साल पहले क्या थी हालत
    वोर्टेक्सा की रिपोर्ट बताती है, दिसंबर 2021 में भारत ने रूस से हर दिन मात्र 36,255 बैरल कच्चा तेल खरीदा. इराक से यह खरीद 10 लाख बैरल और सऊदी अरब से 952,625 बैरल थी. इसके बाद के दो महीनों में रूस से कोई तेल खरीद नहीं हुई. मार्च में भारत ने फिर रूसी तेल खरीदना शुरू किया. इसके ठीक पहले यूक्रेन से उसकी लड़ाई छिड़ गई थी. उसके बाद ऐसी परिस्थितियां बनीं कि भारत और रूस एक दूसरे के नजदीक आए और इसका फायदा तेल की ट्रेडिंग में दिखने लगा.

    तीसरे नंबर पर पहुंचा सऊदी
    भारत ने मार्च में 68,600 बीपीडी रूसी तेल का आयात किया, जबकि अगले महीने यह बढ़कर 266,617 बीपीडी हो गया. जून में आयात की मात्रा बढ़कर 942,694 बीपीडी हो गई. लेकिन जून में, इराक 10.4 मिलियन बीपीडी तेल के साथ भारत का सबसे बड़ा सप्लायर था. उस महीने रूस भारत का दूसरा सबसे बड़ा सप्लायर बन गया. अगले दो महीनों में आयात में मामूली गिरावट आई. वोर्टेक्सा के अनुसार, अक्टूबर में आयात बढ़कर 835,556 बीपीडी हो जाने से पहले सितंबर में 876,396 बीपीडी था. इराक अक्टूबर में 888,079 बीपीडी आपूर्ति के साथ दूसरे स्थान पर खिसक गया, इसके बाद सऊदी अरब 746,947 बीपीडी पर आ गया.

    क्या है भारत सरकार का रुख
    दुनिया की लाख आलोचनाओं के बावजूद भारत ने रूस से तेल खरीद के निर्णय का बचाव किया है. भारत का कहना है कि उसे जहां से भी सस्ता तेल मिलेगा, वह खरीदेगा. अमेरिका सहित पश्चिम के कई देश भारत के इस फैसले पर प्रश्न लगाते हैं, लेकिन भारत लगातार रूस से तेल खरीद को बढ़ा रहा है. पिछले हफ्ते अबू धाबी में CNN से तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, वित्त वर्ष 2012 (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) में रूसी तेल की खरीद 0.2 प्रतिशत (भारत द्वारा आयात किए गए सभी तेल का) थी. हम अभी भी केवल एक चौथाई तेल खरीदते हैं जो यूरोप एक दोपहर में खरीदता है. हम अपने उपभोक्ताओं के प्रति नैतिक कर्तव्य रखते हैं. हमारी 1.34 अरब आबादी है और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें ऊर्जा की आपूर्ति की जाए, चाहे वह पेट्रोल हो या डीजल.

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