कोलंबो (Colombo)। हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo Pacific region) में चीन (China) को सबक सिखाने के लिए भारत और जापान ने श्रीलंका से हाथ मिलाया (India and Japan join hands with Sri Lanka) है। दोनों देशों ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करने के लिए श्रीलंका के साथ सहयोग पर संयुक्त तौर पर सहमति जताई है। संसाधन संपन्न इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य दबदबे के बीच शुक्रवार को एक खबर में यह जानकारी दी गई।
अमेरिका, भारत और कई अन्य वैश्विक महाशक्तियां एक स्वतंत्र, खुले और उन्नत हिंद-प्रशांत क्षेत्र की जरूरत के बारे में बात कर रही हैं। चीन दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में विवादित क्षेत्रीय विवादों में उलझा हुआ है। बीजिंग ने पिछले कुछ वर्षों में अपने मानव निर्मित द्वीपों का सैन्यीकरण करने में भी काफी प्रगति की है।
एक स्थानीय खबर के अनुसार भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने कहा कि भारत और जापान शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र में व्यापक हित साझा करते हैं। उन्होंने जापान के राजदूत मिजुकोशी हिदेआकी की मौजूदगी में यहां एक समारोह में यह बात कही।
खबर के अनुसार श्रीलंका को इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (आईआरओए) देशों का महत्वपूर्ण सदस्य बताते हुए बागले ने कहा कि भारत, जापान और श्रीलंका के पास यहां जनता की समृद्धि के वास्ते काम करने तथा सभी पक्षों को लाभ पहुंचाने का बड़ा अवसर है।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका की प्राथमिकताओं के अनुरूप यह होना चाहिए। श्रीलंका भारत की विदेश नीति के तीन महत्वपूर्ण स्तंभों के सुखद संगम पर है।’ जापान के राजदूत हिदेआकी ने कहा कि जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की हालिया भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने श्रीलंका के साथ सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया और मिलकर काम करने पर सहमति जताई।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved