नई दिल्ली। इस्राइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। एली कोहेन राजनीतिक-आर्थिक दौरे पर भारत पहुंचे हैं। उन्होंने एक आर्थिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें मुख्य रूप से जल प्रबंधन और कृषि के क्षेत्र से 36 इस्राइली व्यवसायी शामिल थे। दिल्ली यात्रा के दौरान विदेश मंत्री कोहेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।
इस्राइल के विदेश मंत्री तीन दिन की यात्रा पर मंगलवार की सुबह यहां पहुंचे लेकिन गाजा पट्टी में एक आतंकवादी समूह के खिलाफ तेल अवीव के अभियान को देखते हुए उन्होंने यात्रा बीच में ही छोड़ने की घोषणा की। इस्राइल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो 42,000 भारतीय श्रमिकों को यहूदी राज्य में निर्माण और नर्सिंग के क्षेत्र में काम करने की अनुमति देगा। कोहेन ने एक कारोबारी मंच को संबोधित करते हुए कहा कि भारत, इस्राइल और अरब देश मिलकर खाड़ी क्षेत्र में क्षेत्रीय संपर्क और रेलवे नेटवर्क को बढ़ावा दे सकते हैं इससे भविष्य में इस्राइल के हाइफा बंदरगाह पर भारतीय खेप पहुंच सकेगा।
यहां पहुंचने के कुछ घंटे बाद कोहेन ने भारत-इस्राइल व्यापार मंच को संबोधित करते हुए दोनों देशों के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने की भी वकालत की। इजरायल के विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि कैसे इस्राइल, अरब देश और भारत पश्चिम के लिए कनेक्टिविटी बना सकते हैं। उन्होंने पश्चिम एशियाई क्षेत्र में भविष्य की कनेक्टिविटी के आकार का अवलोकन करते हुए कहा, ‘भारत से जो व्यापार होगा, वह अरब बंदरगाह पर उतरेगा और वहां से ट्रेन से हाइफा बंदरगाह ले जाया जा सकेगा।
क्षेत्र में कनेक्टिविटी पर कोहेन की टिप्पणी भारत, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की ओर से सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करने और एक प्रमुख कनेक्टिविटी परियोजना पर चर्चा करने के दो दिन बाद आई है। जनवरी में इजरायल ने हाइफा का रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह अदाणी समूह को सौंप दिया था। हाइफा बंदरगाह शिपिंग कंटेनरों के मामले में इज़राइल का दूसरा सबसे बड़ा और शिपिंग पर्यटक क्रूज जहाजों के मामले में सबसे बड़ा बंदरगाह है।
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