नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी (Suger) की बढ़ती मांग और लगातार तेज हो रहे भाव के कारण भारत सरकार (India Government) ने चीनी के निर्यात (sugar exports) को तेज करने की कोशिश शुरू कर दी है। भारत सरकार ने चीनी के मौजूदा सीजन में देश से 60 लाख मीट्रिक टन चीनी के निर्यात का लक्ष्य तय किया है। अगर इस लक्ष्य के मुताबिक चीनी का निर्यात करने में कामयाबी मिली, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की हिस्सेदारी भी बढ़ जाएगी।
वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ब्राजील के चीनी उत्पादन में कमी आने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में मौजूदा सीजन के दौरान भारतीय चीनी की मांग बढ़ गई है। बाजार में चीनी की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने की वजह से वैश्विक कारोबार में चीनी की कीमत भी तेज हुई है। ऐसे में भारत इस मौके का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए सरकार ने एक बार फिर मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों से फ्रेश कॉन्ट्रैक्ट को लेकर बातचीत करनी शुरू कर दी है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से लेकर अब तक 43 लाख मीट्रिक टन चीनी के निर्यात की कॉन्ट्रैक्ट हो चुके हैं, जिसमें से 22 लाख टन चीनी निर्यात की जा चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि अगले एक पखवाड़े में लक्ष्य के अनुरूप शेष 17 लाख मीट्रिक टन चीनी के निर्यात का कॉन्ट्रैक्ट भी हो जाएगा।
जानकारों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्राजील की चीनी की सबसे ज्यादा मांग है लेकिन इस साल ब्राजील में चीनी का उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है। ऐसी स्थिति में भारत के चीनी निर्यातकों के पास अंतरराष्ट्रीय बाजार में छा जाने का काफी अच्छा मौका है। महत्वपूर्ण तथ्य ये भी है कि भारत में इस सीजन में चीनी के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय चीनी की धमक बढ़ती है, तो इससे देश को विदेशी मुद्रा मिलने के साथ ही चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी, जिसका अंतिम परिणाम गन्ना उत्पादक किसानों को उनके बकाया भुगतान के रूप में दिख सकता है। (एजेंसी, हि.स.)
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