नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) से पहले देश तिरंगे के रंग में रंग गया है। आजादी के तराने गूंज रहे हैं तो लोगों में जोश भी दिख रहा है। इस बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने सोमवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या (eve of 77th independence day) पर राष्ट्र को संबोधित कर रही हैं। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, 15 अगस्त, 1947 के दिन देश ने एक नया सवेरा देखा। उस दिन हमने विदेशी शासन (foreign rule) से तो आजादी हासिल की ही, हमने अपनी नियति का निर्माण (the making of destiny) करने की स्वतंत्रता भी प्राप्त की।
हमारी स्वाधीनता के साथ, विदेशी शासकों द्वारा उपनिवेशों को छोड़ने का दौर शुरू हुआ और उपनिवेशवाद समाप्त होने लगा। हमारे द्वारा स्वाधीनता के लक्ष्य को प्राप्त करना तो महत्वपूर्ण था ही, लेकिन उससे भी ज्यादा उल्लेखनीय है, हमारे स्वाधीनता संग्राम का अनोखा तरीका। उन्होंने कहा, महात्मा गांधी तथा अनेक असाधारण एवं दूरदर्शी विभूतियों के नेतृत्व में हमारा राष्ट्रीय आंदोलन अद्वितीय आदर्शों से अनुप्राणित था। गांधी व अन्य महानायकों ने भारत की आत्मा को फिर से जगया और हमारी महान सभ्यता के मूल्यों को जन-जन में संचार किया।
राष्ट्रपति के संबोधन को आकाशवाणी के राष्ट्रीय नेटवर्क पर प्रसारित किया जा रहा है। इसे दूरदर्शन के सभी चैनलों पर हिंदी में और उसके बाद अंग्रेजी में प्रसारित किया गया। दूरदर्शन पर हिंदी और अंग्रेजी में संबोधन के प्रसारण के बाद दूरदर्शन के क्षेत्रीय चैनल द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारण किया जाएगा। रविवार को राजधानी दिल्ली से जम्मू-कश्मीर समेत पूरे देश में तिरंगा यात्रा निकाली गई। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने हर घर तिरंगा अभियान के तहत लोगों से सोशल मीडिया खातों की डीपी तिरंगा लगाने की अपील की है। पीएम मोदी ने भी अपनी डीपी बदल दी है। उन्होंने लोगों से तिरंगे के साथ अपनी तस्वीरें www.harghartiranga.com पर अपलोड करने का भी आग्रह किया है।
वहीं, इस बार 77वें स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है, क्योंकि इस बार कार्यक्रम में कोविड-19 को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं हैं। सरकार ने पीएम किसान योजना के लाभार्थियों समेत 1,800 विशेष मेहमानों को आमंत्रित किया है। इसके अलावा, प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से 75 जोड़ों को भी उनकी पारंपरिक पोशाक में लाल किले पर समारोह देखने के लिए आमंत्रित किया गया है।
लाल किले पर समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित इन विशेष अतिथियों में 660 से अधिक गांवों के 400 से अधिक सरपंच शामिल हैं। इसके साथ ही किसान उत्पादक संगठन योजना से 250; प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के 50-50 प्रतिभागी इसमें शामिल हैं। वहीं, नई संसद भवन सहित सेंट्रल विस्टा परियोजना के 50 श्रम योगी (निर्माण श्रमिक); 50-50 खादी कार्यकर्ताओं, सीमा सड़कों के निर्माण, अमृत सरोवर और हर घर जल योजना में शामिल लोगों के साथ-साथ प्राथमिक विद्यालय के 50-50 शिक्षकों, नर्सों और मछुआरों को भी आमंत्रित किया गया है।
इनमें से कुछ विशेष अतिथियों का दिल्ली प्रवास के दौरान राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा करने और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से मुलाकात करने का कार्यक्रम है। माना जा रहा है कि इस बार 20,000 से अधिक अधिकारी और नागरिक आजादी के जश्न में शिरकत करेंगे। सुरक्षा की दृष्टि से लाल किला मेट्रो स्टेशन का गेट नंबर तीन और चार बंद रहेगा जबकि दूसरी तरफ के गेट लोगों के लिए खुले रहेंगे। संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगभग 300 इमारतों की पहचान की गई है, जहां आधुनिक हथियार और दूरबीन के साथ जवान तैनात रहेंगे।
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