नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) की वजह से एशिया में चीन (China) की शक्ति कमजोर (Loosing Power) हुई है। अपने देश से बाहर एशिया के माहौल को अपने पक्ष में कर सकने की चीन की क्षमता कमजोर हुई है। ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टिट्यूट (Lowy Institute, Australia) ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि भारत इस वक्त एशिया में चौथा ताकतवर राष्ट्र है। रिपोर्ट के मुताबिक एशिया में सबसे ज्यादा प्रभाशाली देश अमेरिका है, उसके बाद चीन, जापान और भारत का नंबर है।
रिपोर्ट का कहना है कि बीते एक साल के दौरान चीन, जापान और भारत जैसी एशियाई ताकतों की तुलना में अमेरिका का प्रभाव बढ़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन (Joe Biden Administration) ने राजनयिक संबंधों को बेहतर तरीके से डील किया है। वहीं महामारी से हुई तेज रिकवरी और फास्ट वैक्सीनेशन का काफी ज्यादा असर हुआ है। रिपोर्ट का कहना है कि साल 2018 के बाद पहली बार अमेरिका ने एशिया में अपनी ताकत में इजाफा किया है।
कोरोना के दौरान एशियाई शक्तियों का वर्चस्व कमजोर पड़ा
रिपोर्ट का कहना है कि कोरोना के दौरान एशियाई शक्तियों का वर्चस्व कमजोर पड़ा है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान चीन (China in Biggest Loss) को हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक इंडेक्स के कई पैमानों पर चीन का प्रदर्शन इस साल बेहद खराब रहा है। दरअसल लोवी इंस्टिट्यूट इस रिपोर्ट के जरिए हर साल एक इंडेक्स तैयार करता है. इसमें कई पैमाने रखे जाते हैं. इसी क्रम में आर्थिक क्षमता और सांस्कृतिक प्रभाव जैसे क्षेत्रों में चीन की शक्ति घटी है।
भारत की विकास रफ्तार पर हुआ कोरोना का बुरा असर
भारत के बारे में रिपोर्ट कहती है कि इस देश पर कोरोना का काफी बुरा असर हुआ है। कोरोना के पहले की विकास रफ्तार को धक्का लगा है. भारत को राजनयिक प्रभाव और आर्थिक संबंध जैसे पैमानों में झटका लगा है।
क्यों भारत को मिली चौथी रैंकिंग
हालांकि इसके बावजूद भारत पूरे इंडेक्स में चौथी रैंक हासिल करने में कामयाब रहा है। इसका कारण भारत की आर्थिक क्षमता, सैन्य क्षमता, सांस्कृतिक प्रभाव जैसे पैमानों को माना गया है। बता दें कि कोरोना महामारी की शुरुआत से ही चीन और अमेरिका के बीच संबंध तल्ख होते चले गए हैं. निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) तो कोरोना को लेकर चीन पर खूब हमलावर रहे थे।
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