प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित रखने पर जोर देते हुए कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसका सामना एक साथ मिलकर करने की जरूरत है. जी-20 समिट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जलवायु परिवर्तन से जंग अलग-थलग होकर नहीं, बल्कि एक होकर और समग्र रूप से लड़ी जानी चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर अनउपजाऊ जमीन को फिर से उपयोग में लाना है, हम सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा दे रहे हैं. जी-20 समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने कम कार्बन और जलवायु अनुकूल विकास प्रक्रियाओं को अपनाया है. उन्होंने कहा कि भारत न सिर्फ पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा कर रहा है बल्कि उनसे आगे बढ़ रहा है.
इस साल सऊदी अरब जी-20 के वर्चुअल शिखर सम्मेलन का मेजबान है. इस सम्मेलन में दुनिया के सबसे अमीर और सबसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं जैसे कि अमेरिका, चीन, भारत, तुर्की, फ्रांस, यूके और ब्राजील के नेता एक साथ हिस्सा ले रहे हैं. शनिवार को शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, पीएम मोदी ने कोविड-19 को लेकर विश्व की चुनौतियों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी दूसरे विश्व युद्ध के बाद मानवता के इतिहास का सबसे बड़ी टर्निंग पॉइंट है. उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान महामारी से नागरिकों और अर्थव्यवस्था को बचाने पर, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है. पीएम मोदी ने इस मौके पर शासन प्रणाली में पारदर्शिता लाए जाने की बात कही.
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