नई दिल्ली । विदेश मंत्री (Foreign Minister) एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने रूस के साथ बढ़ते व्यापारिक संबंधों पर (On Trade Relations with Russia) कहा कि भारत (India) अपने हितों की रक्षा के बारे में (About Protecting its Interests) अधिक चिंतित है (Is More Concerned) ।
दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, “रूस का मुख्य आर्थिक साझेदार पश्चिमी देश थे। यूक्रेन युद्ध के बाद यह रास्ता बंद हो गया है। रूस एशिया की ओर रुख कर रहा है…यूक्रेन संघर्ष से पहले हमारा व्यापार रूस के साथ लगभग 12-14 अरब डॉलर था जो अब 40 अरब डॉलर का हो गया है।” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हमें इस बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए कि वे दूसरे देशों के साथ क्या कर रहे हैं, हमें अपने रिश्ते जारी रखने चाहिए। भारतीय लोगों का हित सर्वोपरि है।”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि कनाडा में खालिस्तानी तत्वों के पोस्टरों पर भारतीय राजनयिकों के नाम दिखने का मुद्दा कनाडा और अन्य देशों की सरकारों के साथ उठाया जाएगा क्योंकि इससे संबंधों पर असर पड़ सकता है। जयशंकर ने कहा, “हमने कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे अपने साझेदार देशों से खालिस्तानियों को जगह नहीं देने का अनुरोध किया है। इससे हमारे संबंधों पर असर पड़ेगा। हम इस पोस्टर मुद्दे को इन देशों की सरकार के समक्ष उठाएंगे।”
कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और महावाणिज्य दूत अपूर्व श्रीवास्तव की तस्वीरें और नाम प्रदर्शित करने वाला एक पोस्टर दिखाई दिया है, जिसमें राजनयिकों को खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर के “हत्यारों” के रूप में दिखाया गया है, जिनकी कुछ सप्ताह पहले वहां गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह पोस्टर 8 जुलाई को टोरंटो में खालिस्तानी तत्वों द्वारा प्रस्तावित एक रैली के बारे में है, जिसका समापन भारतीय उच्चायोग (पोस्टर में भारतीय दूतावास लिखा है) पर होगा। पोस्टर को कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन के पूर्व संवाददाता टेरी मिल्वस्की ने ट्वीट किया था।
जयशंकर ने पिछले महीने कहा था कि कनाडा द्वारा खालिस्तानी तत्वों को जगह देना वोटबैंक की राजनीति से प्रेरित लगता है। पिछले सप्ताह भी जब उनसे इस मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया था, तो उन्होंने कहा था, “कनाडा खालिस्तानी मुद्दे से जिस तरह निपट रहा है वह हमारे लिए लंबे समय से चिंता का विषय रहा है क्योंकि यह स्पष्ट रूप से वे वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित प्रतीत होता है।”
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