नई दिल्ली (New Delhi)! भारत की तेज आर्थिक तरक्की (India’s rapid economic growth) के दौर में देश में सुपर रिच लोगों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. पिछले पांच साल के दौरान बेहिसाब दौलत वाले धनकुबेरों की संख्या में 75 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है. अभी भारत में ऐसे लोगों की संख्या 13 सौ से ज्यादा हो चुकी है, जिनके पास 1000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की नेटवर्थ है.
पहली बार इतनी हुई संख्या
हुरून इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार, अभी भारत में 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा नेटवर्थ वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,319 हो गई है. हुरून इंडिया रिच लिस्ट 2023 में ऐसे अमीरों की संख्या 216 बढ़ी है. धनकुबेरों के इस क्लब में 278 नए लोग शामिल हुए हैं. ऐसा पहली बार हुआ है, जब भारत में 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा दौलत वाले लोगों की संख्या 13 सौ के पार निकली है. बीते 5 साल में ऐसे लोगों की संख्या भारत में 76 फीसदी बढ़ी है.
भारत और चीन के अमीरों में फर्क
भारत और चीन के अमीरों की तुलना करते हुए हुगवर्फ बताते हैं कि दोनों देशों के अमीरों की सूची में शामिल लोगों में फर्क है. भारत के मामले में फैमिली बेस्ड स्ट्रक्चर यानी खानदानी स्वरूप है, जिनका कारोबारी साम्राज्य पीढ़ियों से चलता आ रहा है. चीन में कई पीढ़ियों वाले कारोबारी घरानों की कमी है. हालांकि भारत के फैमिली बेस्ड स्ट्रक्चर को हुगवर्फ दोधारी तलवार मानते हैं. उनका मानना है कि इससे परंपरा भले ही समृद्ध होती हो, लेकिन इससे नवाचार पर असर पड़ता है.
इन दो सेक्टरों से निकलेंगे रईस
आने वाले सालों को लेकर हुगवर्फ का कहना है कि दो सेक्टर से सबसे ज्यादा धनकुबेर निकलने वाले हैं. पहला सेक्टर है एआई और दूसरा सेक्टर है इलेक्ट्रिक व्हीकल. एआई के चलते हालिया समय में कई कंपनियों को फायदा हुआ है. माइक्रोसॉफ्ट की वैल्यूएशन इसके चलते 7-8 सौ बिलियन डॉलर बढ़ गई है. इलेक्ट्रिक व्हीकल के मामले में खास तौर पर चीन में काफी डेवलपमेंट हो रहे हैं.
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