नई दिल्ली। भारत की तरक्की को दुनिया देख रही है। आज भारत की बात को अंतरराष्ट्रीय जगत में बड़े ही गंभीरता से सुना जाता है। रूस यूक्रेन की जंग हो या इजराइल हमास का युद्ध। कई मौकों पर इन देशों से जुड़े राष्ट्राध्यक्षों ने कहा है कि भारत की मध्यस्थता से ही समाधान निकल सकता है। इसी बीच दुनिया के एक विकसित देश के प्रधानमंत्री ने भारत की तारीफ में कसीदे गढ़े हैं। भारत की तरक्की पर इस देश के प्रधानमंत्री ने चीन से तुलना करते हुए कहा कि ‘जहां भारत तरक्की कर रहा है, वहीं चीन बूढ़ा हो रहा है।’
चीन के करीबी देश ने की भारत की प्रशंसा
जानकारी के अनुसार दक्षिण पूर्वी एशियाई देश सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने भारत के विकास को लेकर मोदी सरकार की जमकर तारीफ की है। उन्होंने भारत को दुनिया की युवा शक्ति और चीन की बूढ़ी होती आबादी को लेकर भी बयान दिया है। ली सीन लूंग ने कहा कि पीएम मोदी अपने आर्थिक सुधारों और डिजिटलाइजेशन के जरिए देश को तेजी से विकास के रास्ते पर चला रहे हैं।
भारत को लेकर क्या बोले सिंगापुर के पीएम?
8 नवंबर को ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम गाला डिनर में सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने ब्लूमबर्ग के प्रधान संपादक जॉन मिकलेथवेट के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि मुझे लगता है कि भारत तेजी से बढ़ रहा है। पिछले साल, वे दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते देशों में से एक थे। पीएम मोदी अपने आर्थिक सुधारों और डिजिटलीकरण की दिशा में भारत को एक और स्तर ऊपर ले जाने के अपने अभियान के साथ प्रगति कर रहे हैं। लेकिन इसमें एक दिक्कत है, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था चीन के मुकाबले लगभग पांचवा हिस्सा है। भारत की आबादी युवा है और अभी भी बढ़ रही है। यह चीन की आबादी के विपरीत है, जो पुरानी है और पहले से ही स्थिर है और अब तो कम होने लगी है।
चीन का करीबी माना जाता है सिंगापुर देश
सिंगापुर को परंपरागत रूप से चीन का करीबी देश माना जाता है। इसके बावजूद इस देश में भारतीय मूल के राजनेताओं और व्यापारियों का काफी दबदबा है। सिंगापुर की पूर्व राष्ट्रपति हलीमा याकूब भारतीय मूल की राजनेता थीं। वर्तमान राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम भी भारतीय मूल के ही हैं। ली सीन लूंग ने कहा कि भारत को इसका अधिकतम लाभ उठाना होगा और उन्हें पूर्वी एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और व्यापक दुनिया को प्रभावित करने के लिए उपमहाद्वीप से परे अपनी पहुंच बढ़ानी होगी। मुझे लगता है कि आप देख सकते हैं कि वे क्वाड के साथ ऐसा करना शुरू कर रहे हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि उन्होंने उपमहाद्वीप से परे व्यापक प्रभाव बढ़ाने में उतने संसाधन लगाए हैं।
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