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    G7 में भारत बतौर आउटरीच देश आमंत्रित, कई देशों के नेताओं से मिलेंगे PM मोदी

  • June 14, 2024

    नई दिल्ली (New Delhi)। इटली (Italy) के अपुलिया (Apulia) में 50वें G7 शिखर सम्मेलन (50th G7 Summit) का आयोजन हो रहा है. इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) सहित देश और दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के प्रमुख जुटे हैं. इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) से लेकर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (French President Emmanuel Macron), कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Canadian Prime Minister Justin Trudeau), जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Japanese Prime Minister Fumio Kishida) और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक (British PM Rishi Sunak) शामिल हैं।


    भारत G7 का सदस्य नहीं है लेकिन आउटरीच देश के तौर पर आमंत्रित किया है. इस दौरान पीएम मोदी आउटरीच सत्र में शिरकत करेंगे और और इवेंट से इतर कई वैश्विक नेताओं से मुलाकात करेंगे. लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी का ये पहला विदेशी दौरा है।

    PM मोदी का G7 मीटिंग शेड्यूल
    प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार तड़के जी7 समिट के आउटरीच सेशन में हिस्सा लेने के लिए इटली के अपुलिया पहुंचे हैं. वह समिट से इतर वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वह दोपहर 2.15 से 2.40 बजे तक फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. वह इसके बाद 2.40-3 बजे तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ वार्ता करेंगे।

    प्रधानमंत्री मोदी शाम लगभग सात बजे G-7 समिट में शिरकत करेंगे. इस दौरान उनका इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ वेलकम फोटोशूट होगा. शाम 5.30 बजे G-7 समिट का आउटरीच सत्र शुरू होगा. रात नौ बजे के आसपास पीएम मोदी जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कॉलज के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इसके बाद इटली की पीएम मेलोनी के साथ उनकी मीटिंग होगी. जापान के प्रधानमंत्री किशिदा के साथ पीएम मोदी की बैठकों का दौर खत्म होगा. आखिरी में इटली की पीएम रात्रिभोज की मेजबानी भी करेंगी।

    बाइडेन और जेलेंस्की के बीच 10 साल का सुरक्षा समझौता
    अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच जी7 में दस साल के द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर हुए. इसका उद्देश्य रूसी आक्रमणकारियों के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा को मजबूत करना और यूक्रेन को नाटो सदस्यता के करीब लाना है. इटली में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षरित इस समझौते का उद्देश्य भविष्य के अमेरिकी प्रशासन को यूक्रेन का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध करना है, भले ही पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नवंबर के चुनाव में जीत जाते हैं।

    इस बार क्या एजेंडा है?
    इटली में 13 से 15 जून तक होने वाले 50वें जी7 शिखर सम्मेलन के दो आउटरीच सत्र होंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जलवायु परिवर्तन और सप्लाई चेन जैसी कुछ नई महत्वपूर्ण चुनौतियों के अलावा यूक्रेन और मध्य पूर्व में युद्ध का मुद्दा छाए रहने की संभावना है. G7 नेता अन्य विषयों के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक सत्र मे शिरकत करेंगे. इस सत्र में पोप फ्रांसिस भी हिस्सा ले रहे हैं।

    जी-7 शिखर सम्मेलन की परंपरा के अनुरूप आउटरीच सेशन में इटली ने कई राज्यों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भी आमंत्रित किया गया है. भारत के अलावा अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और भारत-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को न्योता भेजा गया है. इनमें इटली ने इंडिया के अलावा ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, अल्जीरिया, अर्जेंटीना, मिस्र, केन्या, मॉरिटानिया, सऊदी अरब, ट्यूनीशिया और संयुक्त राष्ट्र का नाम शामिल है. हालांकि, यूरोपीय संघ G7 का सदस्य नहीं है, लेकिन यह वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेता है।

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