नई दिल्ली। भारत ने चीनी आयात पर नकेल कसने के लिए चीन से आयात होने वाले कुछ मेजरिंग टेप और पार्ट्स एवं कम्पोनेंट पर पांच साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा दी है। इससे देश में सस्ते चीनी माल की भरमार पर अंकुश लग सकेगा। बता दें कि हाल में भारत-चीन नियंत्रण रेखा पर हुई हिंसक झड़प में हमारे देश के 20 वीर जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद से ही देश में चीन के खिलाफ माहौल है। चीनी माल के बहिष्कार का अभियान चल रहा है और सरकार भी कई तरह से चीनी आयात पर नकेल कसने की कोशिश कर रही है। चीनी आयात और निवेश के मामले में लगातार सख्ती दिखाई जा रही है। चीन को सबक सिखाने के लिए भारत कई तरह के कड़े कदम उठा रहा है।
एक जानकारी के मुताबिक डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमिडीज की जांच शाखा ने चीन आयात पर कर जारी रखने की सिफारिश की थी। इसके बाद चीन से आयात होने वाले स्टील और फाइबर ग्लास मेजरिंग टेप पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई गई। यह ड्यूटी पहली बार 9 जुलाई 2015 को पांच साल के लिए लगाई गई थी। अब उसको अगले पांच साल के लिए फिर से बढ़ा दिया गया है।
DGTR अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि चीन इन सामान की लगातार भारतीय बाजार में डंपिंग कर रहा है। डंपिंग के कारण कीमतें काफी कम होती हैं। अगर इन पर ड्यूटी नहीं लगाई गई तो इनको भारतीय बाजार में पाट दिया जाएगा। चीन के इन सस्ते माल से भारतीय मैन्युफैक्चरर्स को बचाने के लिए एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने का फैसला किया गया है।
राजस्व विभाग ने भी एक नोटिफिकेशन में कहा कि चीन से आयात होने वाले स्टील और फाइबर ग्लास मेजरिंग टेप और उनके पार्ट एवं कम्पोनेंट पर पांच साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई जाएगी। सरकार चाहे तो इसे पहले भी हटा सकती है। कुछ कंपनियों पर 1.83 डॉलर प्रति किलो की एंटी डंपिंग ड्यूटी और कुछ पर 2.56 डॉलर प्रति किलो की एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई गई है। यह ड्यूटी भारतीय रुपये में देनी होगी।
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