अमृतसर । अटारी बॉर्डर (attic border) पर देश के सबसे ऊंचा तिरंगा (Tricolour) फहराने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India) तैयार है। इसकी ऊंचाई 418 फीट होगी। एनएचएआई के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों (state governments) से मंजूरी मिलने के बाद इस परियोजना के लिए निविदा की प्रक्रिया पूरा करने के बाद एक ठेकेदार को काम पर रखा है। वर्तमान में तिरंगे की ऊंचाई 360 फीट है। 2017 में इसे 3.5 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया था। पाकिस्तान ने उसी साल अगस्त में वाघा चेक पोस्ट के सामने 400 फीट झंडा लगाया। नया तिरंगा पाकिस्तानी झंडे की तुलना में 18 फीट लंबा होगा।
एनएचएआई के अधिकारी ने कहा, “हमने टेंडर को मंजूरी दे दी है और झंडे की स्थापना का काम 15-20 दिनों में शुरू हो जाएगा। झंडा लगाने का स्थान अभी तय नहीं है, लेकिन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों के सुझाव के अनुसार यह संयुक्त चेक पोस्ट (जेसीपी) की दर्शक दीर्घा के करीब होने की संभावना है। गैलरी की इमारत की ऊंचाई के कारण बीटिंग रिट्रीट समारोह देखने आने वाले लोगों को वर्तमान भारतीय ध्वज ठीक से दिखाई नहीं दे रहा है।”’ उन्होंने कहा, ‘अभी तक उनके पास मौजूदा झंडे को बदलने या हटाने की कोई योजना नहीं है। इस संबंध में निर्णय नया ध्वज स्थापित होने के बाद लिया जा सकता है। परियोजना का काम एक महीने में पूरा होने की संभावना है।”
एनएचएआई के इंजीनियरिंग विंग के प्रभारी योगेश यादव ने कहा कि परियोजना कार्य की निगरानी परियोजना निदेशक सुनील यादव करेंगे। उन्होंने कहा, “एक बार स्थापित होने के बाद नया झंडा भारत में सबसे ऊंचा होगा।”
नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा, ‘कई दर्शक हमारे राष्ट्रीय ध्वज की ऊंचाई बढ़ाने की मांग कर रहे थे, जो पाकिस्तानी झंडे से छोटा दिखता है। नए झंडे की स्थापना के साथ दर्शकों को कोई शिकायत नहीं होगी।”
आपको बता दें कि वर्तमान में कर्नाटक के कोटे केरे में बेलगावी या बेलगाम किले में 361 फीट का सबसे ऊंचा भारतीय ध्वज है, जो अटारी सीमा पर लगे ध्वज से सिर्फ एक फुट लंबा है।
NHAI सीमा के सौंदर्यीकरण पर भी काम कर रहा है, जो दुनिया भर से पंजाब आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। हाल ही में दर्शकों के लिए दो सेल्फी पॉइंट भी लगाए गए हैं। ये पॉइंट दर्शकों को बड़ी स्क्रीन के माध्यम से सीमा पर होने वाले सैन्य अभ्यास देखने की अनुमति भी देते हैं। साथ ही जेसीपी के बाहर के मैदान को घास और रंग-बिरंगी टाइलों से ढक दिया गया है।
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