नई दिल्लीः भारत COVID-19 के खिलाफ DNA वैक्सीन लगाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. DNA आधारित जायकोव-डी (ZyCov D) भारत की पहली नीडल-फ्री और दूसरी स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन है. इस वैक्सीन से सुइयों से डरने वाले लोगों को राहत मिलेगा.
देश में सक्रिय संक्रमितों की संख्या हुई कम
इस वैक्सीन को तब लांच किया गया, जब भारत में COVID-19 के सक्रिय केसों की संख्या में 1,03,921 की कमी दर्ज की गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय COVID-19 रिकवरी दर बढ़कर 95.64 प्रतिशत हो गई है.
इस साल की शुरुआत में मिली थी मंजूरी
भारत सरकार ने इस साल की शुरुआत में अहमदाबाद स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी Zydus Cadila के DNA वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी थी. यह मंजूरी तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के बाद आए परिणामों के आधार पर दी गई. इसके तहत यह वैक्सीन इस संक्रमण के लिए करीब 66 प्रतिशत प्रभावी है.
लगाई जाती है वैक्सीन की 3 डोज
भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने 12 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों को इसके वैक्सीनेशन की अनुमति दे दी है. बता दें कि अधिकांश COVID-19 वैक्सीन की 2 दो या 3 डोज लगाई जाती है. वहीं, ZyCoV-D की 3 डोज लगाई जाएगी. दूसरी डोज 28 और तीसरी डोज 56 दिनों के अंतराल पर लगाई जाएगी.
Bihar | Painless and Needleless ZYCOV-D Covid Vaccine launched in Patna
Three doses will be given at intervals of 28 days and 56 days. This program has been started at 3 vaccination centers. It is good for people who are afraid of needles: Civil surgeon Dr Vibha Singh (04.03) pic.twitter.com/bJ9JlidrZh
— ANI (@ANI) February 4, 2022
पार्टनरशिप में किया गया विकसित
Zydus Cadila के वैक्सीन को बायोटेक्नॉलजी डिपार्टमेंट के साथ पार्टनरशिप में डेवलप किया गया है. यह वैक्सीन भारत बायोटेक के Covaxin के बाद देश में आपातकालीन स्थिति के दूसरी स्वदेशी शॉट है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, 93 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी को कम से कम एक खुराक मिली है. जबकि, 69.8 प्रतिशत से अधिक आबादी को दोनों डोज दी जा चुकी है.
कम समय में बड़ी आबादी का हुआ वैक्सीनेशन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया का कहना है कि कोरोना संकट के दौरान देश की एकजुटता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप देश ने न केवल वैक्सीन का निर्माण किया, बल्कि बहुत ही कम समय में आबादी के एक बड़े हिस्से का वैक्सीनेशन हुआ. यह वैक्सीनेशन अभियान का एक वर्ष भारत के संकल्प को दिखाता है. इसके तहत स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर वैक्सीन लगा रहे हैं. वहीं, अधिकारी देश के दूरदराज के हिस्सों में जाकर वैक्सीनेशन अभियान चला रहे हैं.
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