नई दिल्ली। कोरोना (Corona) के बाद निपाह वायरस (nipah virus) के बढ़ते खतरे के बीच भारत (India) को बड़ा हथियार मिला है। ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (drug controller of india) की ओर से निपाह वायस की जांच के लिए गोवा की मोल्बियो डायग्नोस्टिक (molbio diagnostic) की टेस्ट किट (test kit) को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। ट्रूनेट नाम की यह टेस्ट किट से आरटीपीसीआर प्लेटफार्म पर आधारित है। निपाह वायरस की जांच के लिए अनुमोदित यह भारत की पहली टेस्ट किट है।
पूरी तरह स्वदेशी और पोर्टेबल है किट
ट्रूनेट पूरी तरह से स्वदेशी, बैटरी से चलने वाली और आरटीपीसीआर प्लेटफॉर्म पर आधारित है। इसके माध्यम से करीब 30 बीमारियों की जांच की जा सकती है और एक घंटे से भी कम समय में इसके नतीजे सामने आ जाते हैं। इस किट से टीबी, कोरोना, डेंगू, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस, एचपीवी जैसी बीमारियों की जांच की जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पेटेंट
मीडिया से बात करते हुए मोल्बियो के सीटीओ चंद्रशेखर नायर ने बताया कि इस टेस्ट किट को ब्रिफकेस में रखकर कहीं भी ले जाया सकता है। उन्होंने कहा कि टेस्ट किट को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ले जाया गया है और हर जगह से पेटेंट कराया गया। उन्होंने बताया कि इस किट को इस तरह डिजाइन किया गया है कि कम समय के प्रशिक्षण के बाद भी इसे प्रयोग में लाया जा सकेगा।
गौरतलब है कि केरल के कोझिकोड के अलावा भारत में निपाह वायरस के तीन मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। सबसे पहले 2001 में सिलीगुड़ी में यह वायरस मिला था, इसके बाद 2007 में पंश्चिम बंगाल और केरल के कोझिकोड और मल्लपुरम में 2018 में यह संक्रमण सामने आया था।
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