नई दिल्ली: भारत (India) के विशाल बाजार में दुनिया की हर कंपनी अपना बिजनेस (Our business) खड़ा करना चाहती है. भले ही अमेरिका हो या यूरोप (America or Europe). ऐसा ही एक देश है जो कभी भारत को गुलाम बनाकर रखता था, लेकिन आज उसकी कंपनियों का बड़ा कारोबार भारत की सरजमीं पर चलता है. इन कंपनियों से भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को भी हर साल 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व मिलता है, जबकि 5.23 लाख लोगों को इन कंपनियों ने रोजगार भी दिया है.
हम बात कर रहे हैं ब्रिटेन की, जिसने करीब 200 साल तक भारत पर राज किया. आज ब्रिटेन की 667 कंपनियां भारतीय बाजार में अपना बिजनेस करती हैं. इन कंपनियों को भारतीय बाजार से कितना मुनाफा होता है, इसका अंदाजा इसी आंकड़े से लगा सकते हैं कि हर साल यह कंपनियां सिर्फ भारत में ही 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व पैदा करती हैं. यह जानकारी हाल में जारी की गई ब्रिटेन मीट इंडिया 2024 रिपोर्ट से पता चली है. इस रिपोर्ट को ग्रांट थॉर्टनटन भारत और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने जारी की है.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में काम करने वाली यूके की 162 कंपनियों ने करीब 10 फीसदी का ग्रोथ रेट हासिल किया है. इन कंपनियों ने 50 करोड़ का सालाना रेवेन्यू पार कर लिया है. इनमें से ज्यादातर कंपनियां एजुकेशन, टेक्नोलॉजी और इन्फ्रा सेक्टर से जुड़ी हैं. ये कंपनियां भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश और लांग टर्म ग्रोथ को सपोर्ट करती हैं.
ग्रांट थॉर्नटन भारत में इंडिया-यूके कॉरिडोर की हेड और पार्टनर पल्लवी बाखरू का कहना है कि भारत और ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बातचीत कर रहे हैं. इसके लागू होने के बाद यूके की कंपनियों को भारत में अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी. इतना ही नहीं भारत के साल 2070 तक जीरो कार्बन के लक्ष्य को पाने में भी मदद मिलेगी. ब्रिटेन रिन्यूवेबल एनर्जी के विस्तार में भारत की मदद कर सकता है.
ब्रिटेन की कंपनियों के लिए महाराष्ट्र सबसे पसंदीदा जगह है. यहां यूके की कुल कंपनियों में से 36 फीसदी काम करती हैं. इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी कई कंपनियां मौजूद हैं. भारत में कारोबार करने वाली ब्रिटेन की करीब 63 फीसदी कंपनियां एमएसएमई सेक्टर की हैं. इनमें ज्यादातर इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट, मीडिया, टेलीकॉम और टेक्नोलॉजी सेक्टर में काम करती हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved