नई दिल्ली। भारत और जर्मनी (India and Germany) ने सतत विकास लक्ष्यों (Development Goals), ऊर्जा परिवर्तन (Energy Transformation), उभरती प्रौद्योगिकियों (Emerging Technologies ) और कृषि-पारिस्थितिकी (Agro-Ecology) पर सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से द्विपक्षीय वार्ता (bilateral talks) शुरू की है। यह जानकारी सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई।
बयान में कहा गया कि विकास में सहयोग पर आधारित नीति आयोग-बीएमजेड वार्ता से इसकी शुरुआत हुई। यह वार्ता भारत सरकार के थिंक-टैंक नीति आयोग और जर्मनी के आर्थिक सहयोग एवं विकास मंत्रालय (बीएमजेड) के बीच आयोजित की गई। बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने चल रही सहभागिता पर विचार-विमर्श किया और उन क्षेत्रों में संभावित सहयोग की पहचान की जो भारत और जर्मनी के लिए ठोस परिणाम और सबक बन सकते हैं।
बयान में कहा गया है कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सतत व्यवहार के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी पर ध्यान आकर्षित किया, जो उनकी लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट (एलआईएफई) पहल में शामिल है। जर्मन संघीय मंत्री स्वेंजा शुल्ज (Svenja Schulze) ने कहा कि भारत जर्मनी के लिए यूरोपीय संघ और G7 में एक वैश्विक भागीदार हैं। उन्होंने कहा, “हम 2023 में भारत की अध्यक्षता में होने वाली जी20 की प्रतीक्षा कर रहे हैं, और उस समय जलवायु कार्रवाई और सतत विकास पर एक मजबूत एजेंडा के लिए भारत का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।”
बयान के अनुसार, नीति आयोग और बीएमजेड दोनों ने शहरी स्तर पर एसडीजी स्थानीयकरण को मजबूत करने और देश के स्तर पर जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में एसडीजी कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए क्षमता निर्माण और कार्यान्वयन के लिए प्रोत्साहन प्रणाली के साथ सहयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। चर्चा के दौरान दोनों पक्षों ने कृषि पारिस्थितिकी और प्राकृतिक संसाधनों के लिए सहयोग पर जुड़ाव को गहरा करने की आवश्यकता पर जोर डाला।
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