नई दिल्ली। चीन के साथ एलएसी पर तनातनी के बीच भारत ने चीन के 177 ऐप बैन करदिये है जिससे उससे भरी आर्थिक नुक्सान उठाना पड़ा है। बड़े आर्थिक झटके के बाद भारत ने और झटका देने की तैयारी कर ली है। भारत ने चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता वाले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) चाइनीज एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल अंडरस्टैंडिंग (सीएआईएफयू) से जुड़े लोगों के वीजा आवेदनों की कड़ाई से जांच पड़ताल का निर्देश दिया है। ऐप के बाद भारत को ये संगठन देश के लिए खतरनाक होने की शंका है जिस कारण एहतियात के तौर पर ये फैसला लिया गया है।
भारत सरकार चीन के जिस एनजीओ से जुड़े लोगों के वीजा आवेदनों पर सख्ती करने जा रही है उसका सीधा संबंध कम्युनिस्ट पार्टी के सेंट्रल कमेटी के यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट से है। ये संगठन चीन से बाहर नेताओं, थिंक टैंक सदस्यों और मीडिया को प्रभावित करने का काम करते हैं। कयास है कि इसकी गतिविधियां भारत के राष्ट्र हितों के खिलाफ हो सकती हैं। समूहों से जुड़े लोगों को वीजा लेने के लिए कठिन जांच पड़ताल से गुजरना होगा, भले ही वो थिंक टैंकर्स, व्यापारी ही क्यों न हो।
वही चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि एनजीओ के प्रमुख नेशनल पीपुलस कांग्रेस के उपाध्यक्ष जी बिंगक्सुआन हैं। ये एनजीओ सभी देशों के सामाजिक संगठनों के संपर्क में रहता है। एनजीओ का उद्देश्य चीन के लोगों से भारत सहित दुनिया के अन्य देशों के बीच दोस्ती और मजबूत रिश्ते को बढ़ावा देना है।
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