रायपुर । छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) एडवांस सेमीकंडक्टर निर्माण (Semiconductor manufacturing) के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगा रहा है. भारत (India) की पहली सेमीकंडक्टर चिप निर्माण कंपनी, पॉलीमेटेक इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (Polymatec Electronics Ltd) ने नवा रायपुर में एक अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर चिप और उन्नत पैकेजिंग इकाई स्थापित करने की घोषणा की है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना में अगले पांच साल में 1143 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे छत्तीसगढ़ को ग्लोबल टेक्नोलॉजी मैप पर स्थान मिलने की उम्मीद है.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, ”छत्तीसगढ़ उच्च तकनीक उद्योगों के लिए एक नए गंतव्य के रूप में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है. नवा रायपुर में सेमीकंडक्टर इकाई की आधारशिला न केवल एक निवेश है, बल्कि यह हमारे राज्य की उन्नत प्रौद्योगिकी और नवाचार में अग्रणी होने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है. यह इकाई उच्च-वेतन वाली नौकरियां सृजित करेगी, तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ावा देगी और मध्य भारत में एक मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करेगी.”
नवंबर 2024 में तमिलनाडु की कंपनी पॉलीमेटेक के साथ बातचीत शुरू हुई थी. 20 दिसंबर 2024 को कंपनी के एमडी और सीईओ ईश्वर राव ने छत्तीसगढ़ का दौरा किया और 23 दिसंबर को दिल्ली में ‘छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट प्रोग्राम’ के दौरान राज्य सरकार को औपचारिक प्रस्ताव सौंपा. मात्र तीन महीनों में नवा रायपुर में फैक्ट्री स्थापना का रास्ता साफ हो गया.
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, ”मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमारा 2025-26 का बजट सुशासन, त्वरित बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी, और औद्योगिक विकास पर केंद्रित है. यह सेमीकंडक्टर प्लांट हमें इस दिशा में ले जाएगा. यह न केवल उच्च-वेतन वाली नौकरियां सृजित करेगा, बल्कि रसायन, धातु, और क्लीनरूम उपकरण जैसे सहायक उद्योगों को भी बढ़ावा देगा. साथ ही, यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित कर राज्य के समग्र विकास में योगदान देगा.”
प्रस्तावित मेगा फैक्ट्री 1 लाख 50 हजार वर्ग फीट में फैलेगी, जिसमें स्वच्छ कक्ष, आरएच-नियंत्रित वातावरण, एयर कंडीशनिंग, पूर्ण पावर बैकअप, और आधुनिक बैक ऑफिस जैसी विश्व-स्तरीय सुविधाएं होंगी. ये सुविधाएं छत्तीसगढ़ को प्रौद्योगिकी और औद्योगिक बुनियादी ढांचे में अंतरराष्ट्रीय मानकों तक ले जाएंगी. नया रायपुर विकास प्राधिकरण (NRDA) ने रिकॉर्ड 45 दिनों में निविदा प्रक्रिया पूरी कर सेक्टर 5 में कंपनी को जमीन आवंटित की. आवंटन के 25 दिनों के भीतर लीज डीड पंजीकरण पूरा हो गया, जो छत्तीसगढ़ सरकार की कार्यकुशलता और उद्योग-अनुकूल नीतियों को दर्शाता है.
यह सामान्य सेमीकंडक्टर यूनिट से कैसे अलग है?
इस सेमीकंडक्टर चिप फैक्ट्री की खासियत यह है कि यह 2030 तक प्रतिवर्ष 10 अरब चिप्स का उत्पादन कर सकती है. ये चिप्स टेलीकॉम (6G और 7G तकनीक), मोबाइल फोन, लैपटॉप, डेटा ट्रांसमिशन, डेटा विश्लेषण, और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उन्नत क्षेत्रों में उपयोग होंगी. सामान्य चिप्स की तुलना में यह इकाई 7nm, 5nm, और 3nm जैसे अत्याधुनिक तकनीकी नोड्स का उपयोग करेगी. इससे तेज, अधिक कुशल, और कॉम्पैक्ट चिप्स का निर्माण संभव होगा, जो सामान्य इकाइयों द्वारा उपयोग किए जाने वाले पुराने नोड्स (28nm, 45nm, 65nm) की तुलना में जटिल अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त हैं.
यह परियोजना केंद्र सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन के साथ संरेखित है, जो भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखती है. सेमीकंडक्टर जैसे उच्च-तकनीक और उच्च-मार्जिन उत्पादों का स्थानीय निर्माण बुनियादी विनिर्माण की तुलना में अधिक मूल्यवृद्धि करता है, जिससे राज्य का औद्योगिक उत्पादन बढ़ेगा. यह इकाई शीर्ष इंजीनियरों की मांग बढ़ाएगी, अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करेगी, और टीएसएमसी, इंटेल जैसी वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी को आकर्षित करेगी. साथ ही, यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), वैश्विक तकनीकी फर्मों के साथ सहयोग, और सरकारी अनुदान को भी बढ़ावा देगी.
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