नई दिल्ली। गूगल (Google) पर करीब 936 करोड़ रुपये (113.04 मिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाया गया है। यह कंपनी पर इस हफ्ते की दूसरी सबसे बड़ी कार्रवाई (second biggest action) है। इससे पहले पिछले हफ्ते ही गूगल पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) (सीसीआई) ने करीब 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण क्षेत्र (android mobile device area) में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग कर प्रतिस्पर्धा को बाधित करने का आरोप है।
इस बीच भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के चेयरमैन अशोक कुमार गुप्ता (Ashok Kumar Gupta) ने कहा कि नियामक जुर्माना लगाने में व्यावहारिक रहा है। सीसीआई की कार्रवाई व्यापार और आर्थिक वास्तविकताओं से अलग नहीं होती हैं। अशोक कुमार गुप्ता चार वर्षों तक नियामक के शीर्ष पर रहने के बाद आज पद से मुक्त हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि डिजिटल बाजारों को प्रभावी ढंग से विनियमित करने के लिए ढांचे की व्यवहार्यता पर विचार किया जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने बीते गुरुवार को एंड्रॉयड मामले से संबंधित फैसले पर गूगल की टिप्पणियों के बारे में पूछने पर कुछ भी कहने से इनकार किया। आयोग ने पिछले बुधवार को अनुचित व्यावसायिक व्यवहार के लिए मेकमायट्रिप, गोआईबीबो और ओयो पर कुल 392 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
सीसीआई ने कार्रवाई के बाद अपने आदेश में गूगल को अनुचित कारोबारी गतिविधियां बंद करने के निर्देश दिए थे। साथ ही, कामकाज के तरीकों में बदलाव करने को भी कहा था। जिसके बाद गूगल ने सफाई देते हुए कहा था कि यह भारतीय ग्राहकों के लिए बड़ा झटका है। हम प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं के लिए 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने वाले भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के आदेश की समीक्षा करेंगे।
दरअसल, देश में एंड्रॉयड आधारित स्मार्टफोन उपभोक्ताओं ने मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने को लेकर गूगल की शिकायत दर्ज कराई थी, इसके बाद सीसीआई ने अप्रैल, 2019 में गूगल के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए थे। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने जांच के आधार पर कहा था कि गूगल ने मोबाइल एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (एमएडीए) समझौतों का उल्लंघन किया है और अपनी मजबूत स्थिति व दबदबे का फायदा उठाया है। आयोग ने कहा था कि अमेरिकी कंपनी ने ऑनलाइन जनरल सर्च मार्केट में दबदबा बनाए रखने के लिए एंड्रॉयड ओएस के एप स्टोर बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का लाभ उठाया है। यह प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन है।
बता दें कि मोबाइल एप चलाने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) की जरूरत पड़ती है। गूगल एंड्रायड ओएस का संचालन व प्रबंधन करती है और अन्य एप्लिकेशन के लिए लाइसेंस जारी करती है। मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) इस ओएस और गूगल के एप का अपने मोबाइल में इस्तेमाल करते हैं। वे अपने अधिकारों के नियंत्रण के लिए मोबाइल एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (एमएडीए) समेत कई समझौते करते हैं। सीसीए का मानना है कि गूगल ने इन समझौतों का उल्लंघन किया है।
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