नई दिल्ली। भारत के भगोड़े इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक (Zakir Naik) के पाकिस्तान (Pakistan) दौरे पर विदेश मंत्रालय (MEA) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल (Randhir Jaiswal) ने शुक्रवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि यह भारत के लिए “चौंकाने वाली बात नहीं” है कि भारतीय कानून की ओर से भगोड़ा घोषित किए गए शख्स को पाकिस्तान में उच्च स्तरीय स्वागत नसीब हुआ है।
जयसवाल ने कहा, “हमने देखा है कि (जाकिर नाइक) का पाकिस्तान में स्वागत किया गया है। उसे वहां गर्मजोशी से अपनाया गया है। यह हमारे लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारतीय कानून और न्याय से भगोड़े को पाकिस्तान में उच्च स्तरीय स्वागत मिला है। यह निराशाजनक है और इसकी निंदा होनी चाहिए, लेकिन साथ ही यह चौंकाने वाली बात नहीं है।” जाकिर नाइक के किस पासपोर्ट पर पाकिस्तान गया है, इस सवाल पर जयसवाल ने कहा, “हम स्पष्ट नहीं हैं कि वह किस दस्तावेज के साथ पाकिस्तान गया। जब मलेशिया के प्रधानमंत्री भारत दौरे पर थे, तब इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई थी।”
इससे पहले विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक ने बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की। इस दौरान शरीफ ने नाइक के उपदेशों की सराहना की और कहा कि वे ‘‘व्यावहारिक और प्रभावशाली’’ हैं। धन शोधन और नफरत भरे भाषणों के जरिए चरमपंथ भड़काने के आरोप में भारत में वांछित नाइक ने 2016 में देश छोड़ दिया था। महातिर मोहम्मद के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने उसे मलेशिया में स्थायी निवास की अनुमति दी थी।
नाइक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा कि उसने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की। उसने शरीफ के साथ अपनी एक तस्वीर भी साझा की। पाकिस्तान रेडियो की खबर के मुताबिक, शरीफ ने नाइक से कहा, ‘‘इस्लाम शांति का धर्म है और आप लोगों के बीच इस्लाम का सच्चा संदेश फैलाकर महत्वपूर्ण कर्तव्य निभा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि नाइक के व्याख्यान ‘‘प्रभावशाली’’ होते हैं और युवा श्रोताओं के बीच उनकी अच्छी खासी लोकप्रियता है। यह तीन दशकों में नाइक की पहली पाकिस्तान यात्रा है, पिछली बार वह 1992 में पाकिस्तान गया था।
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