भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को तलब कर पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद की 19 नवंबर को जम्मू कश्मीर में नगरोटा में विफल किये गये आतंकवादी हमले की साजिश को लेकर कड़ा विरोध जताया और कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम पूरी दृढ़ता से उठायेगा। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी उच्चायोग के प्रभारी को तलब करके कड़ी फटकार लगायी गयी। यह मांग की गयी कि पाकिस्तान उसकी धरती से काम करने वाले आतंकवादियों एवं आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने की नीति से बाज आये और अन्य देशों पर हमले करने वाले एवं हमलों की साजिश रचने वाले आतंकवादियों के ढांचे को जड़ से खत्म करे। विदेश मंत्रालय के आज यहां जारी एक बयान के अनुसार भारत ने दोहराया कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय दायित्वों एवं द्विपक्षीय वचनबद्धता का पालन करना चाहिए और अपने नियंत्रण वाली ज़मीन का भारत के विरुद्ध आतंकवाद के प्रयोग की अनुमति नहीं देनी चाहिए। भारत ने यह भी दोहराया कि वह आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पूरी दृढ़ता से सभी जरूरी कदम उठाएगा।
आरंभिक रिपोर्टाें से पता चला है कि हमलावर पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सदस्य थे जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित संगठन है। यह संगठन फरवरी 2019 में पुलवामा हमले में भी शामिल था। जम्मू के निकट नगरोटा छावनी में हुई मुठभेड़ में जैश के चार आतंकवादी मारे गये थे और दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। सुरक्षा बलों को खुफिया सूचना मिली थी कि ये आतंकवादी एक ट्रक में सवार हो कर जा रहे हैं। इस ट्रक में हथियारों एवं गोला बारूद का भारी जखीरा मिला है। इससे पता चलता है कि जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनावों के दौरान गड़बड़ी पैदा करने के लिए बड़े पैमाने पर खून खराबा करने की साजिश रची गयी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां शुक्रवार को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करके स्थिति की समीक्षा की जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव हर्षवर्द्धन शृंगला तथा शीर्ष गुप्तचर अधिकारी भी शामिल हुए।
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