संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने एक बार फिर आतंकवाद के आका पाकिस्तान को बेनकाब किया। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि कुछ देश आतंकवाद का समर्थन करने और सहयोग करने के स्पष्ट रूप से दोषी हैं और वे जानबूझकर आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह देते हैं। भारत ने ऐसे देशों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई करने की अपील की। साथ ही सामूहिक रूप से ऐसे देशों को जवाबदेह ठहराने का भी आह्वान किया।
भारत ने कहा, हम सीमा पार आतंकवाद के शिकार
भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कहा कि भारत तीन दशकों से अधिक समय से सीमा पार आतंकवाद का शिकार रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव राजेश परिहार ने गुरुवार को आतंकवाद विरोधी समिति और 1267/1989/2253 आईएसआईएल (दाएश) और अलकायदा प्रतिबंध समिति की संयुक्त विशेष बैठक में यह टिप्पणी की।
उन्होंने रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि ये रिपोर्ट्स संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी समूहों के नेताओं पर मुकदमा चलाने में दक्षिण एशिया के कुछ देशों की ढिलाई की ओर इशारा करती हैं। यहां आतंकी संगठन लगातार धन जुटा रहे हैं। राजेश परिहार ने कहा कि आतंकवाद के खतरे का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के लिए आतंकवादियों को वित्तीय संसाधनों तक पहुंचने से रोकना जरूरी है।
कुछ देशों में कानूनी परिचालन ढांचे और आवश्यक आतंकवाद के वित्तपोषण (सीएफटी) क्षमताओं का मुकाबला करने की कमी है तो कुछ देश ऐसे हैं जो साफ तौर पर आतंकवाद को सहायता और समर्थन देने व जानबूझकर वित्तीय सहायता और आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह देने के दोषी हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ऐसे देशों को उनके इन कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराना चाहिए।
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