नई दिल्ली। भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने गुरुवार को कोच्चि में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) से स्वदेशी विमान वाहक ‘विक्रांत’ हासिल किया। भारतीय नौसेना ने अपने बिल्डर कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल), कोच्चि से प्रतिष्ठित स्वदेशी विमान वाहक (एसी) विक्रांत प्राप्त कर आज समुद्री इतिहास रच दिया है। विक्रांत की डिलीवरी (Vikrant’s delivery) के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास स्वदेशी रूप से विमान वाहक डिजाइन और निर्माण (design and manufacture) करने की क्षमता है।
नौसेना ने कहा, भारतीय नौसेना के इन-हाउस डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन (DND) द्वारा डिजाइन किया गया और सीएसएल (CSL) द्वारा निर्मित इस वाहक का नाम उसके शानदार पूर्ववर्ती भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में भूमिका में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के उपलक्ष्य में होने वाले समारोहों के साथ विक्रांत का पुनर्जन्म समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में क्षमता निर्माण के लिए देश के उत्साह का एक सच्चा प्रमाण है।
262 मीटर लंबे जहाज का भार लगभग 45,000 टन है जो उसके पूर्ववर्ती की तुलना में बहुत बड़ा और अधिक उन्नत है। जहाज कुल 88 मेगावाट बिजली की चार गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित होता है और इसकी अधिकतम गति 28 समुद्री मील है। लगभग 20,000 करोड़ रुपये की कुल लागत से निर्मित इस परियोजना को रक्षा मंत्रालय और सीएसएल के बीच अनुबंध के तीन चरणों में आगे बढ़ाया गया है, जो मई 2007, दिसंबर 2014 और अक्टूबर 2019 में पूरा हुआ। जहाज की पेंदी फरवरी 2009 में रखी गई थी, इसके बाद अगस्त 2013 में लॉन्च किया गया था।
कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भारतीय नौसेना ने अमेरिका से दो एमएच -60 आर मल्टीरोल हेलीकॉप्टर प्राप्त किए। तीसरा हेलीकॉप्टर अगस्त 2022 में मिलना है। 24 एमएच 60 आर हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी 2025 तक पूरी हो जाएगी। अत्याधुनिक मिशन-सक्षम इस हेलीकॉप्टर को शामिल करने से भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता में काफी वृद्धि होगी।
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