नई दिल्ली । देश में विकसित किए जा रहे कोरोना से बचाव के लिए दो वैक्सीन का जल्दी ही मानव ट्रायल शुरू हो जाएगा। इस संबंध में भारत बायटेक और मेसर्स कैडिला को मानव ट्रायल की अनुमति दे दी गई है। भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा परिषद (आईसीएमआर) की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. निवेदिता गुप्ता ने बताया कि स्वदेश में विकसित की जा रही वैक्सीन का लाभ नागरिकों को मिले, इसके लिए यह जरूरी है कि इसे फास्ट ट्रैक किया जाए।
आईसीएमआर के महानिदेशक ने जून के पहले हफ्ते में सभी स्टेकहोल्डर को पत्र लिख कर मानव ट्रायल में तेजी लाने को कहा था। वैक्सीन विकसित करने के लिए किए जाने वाले मानव ट्रायल के लिए छह से एक साल का वक्त लगता है, लेकिन महानिदेशक द्वारा लिखे गए पत्र में 15 अगस्त तक ट्रायल पूरा करने की बात कही गई थी। तभी से कयास लगाए जाने लगे कि देश में 15 अगस्त तक कोरोना से बचाव की वैक्सीन आ जाएगी। इसके साथ सवाल भी उठने लगे थे कि क्या यह वैक्सीन लोगों के लिए सुरक्षित होगी जो इतनी जल्दी में तैयार की जा रही है। हालांकि आईसीएमआर ने साफ कहा कि वैक्सीन लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही तैयार की जा रही है।
डॉ. निवेदिता ने बताया कि मौजूदा समय में देश में 2.6 लाख सैंपल टेस्ट प्रति दिन किए जा रहे हैं। इसके लिए लैब की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। अब देश में 1132 लैब स्थापित किए जा चुके हैं। इसके साथ ज्यादा से ज्यादा निजी लैब को अनुमति मिले इसके लिए उन्हें एनबीएल सर्टीफिकेट लेने को कहा गया है। इसके साथ एंटीजन टेस्ट को भी तेज करने को कहा गया है। देश में प्रति दिन 3 लाख एंटीजन टेस्ट किट्स तैयार करने की क्षमता है, इसके लिए 10 भारतीय मैन्यूफैक्चरर भी तैयार हैं।
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