नई दिल्ली (New Dehli) । विदेश मंत्रालय (foreign Ministry)ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar)की हत्या के मामले में अपने वाणिज्य दूतावासों (embassies)को गुप्त संदेश भेजे जाने की बात से पूरी तरह इनकार किया। भारत ने उस मीडिया रिपोर्ट को रविवार को ‘फर्जी’ और ‘पूरी तरह से मनगढंत’ बताया, जिसमें दावा किया गया है कि हरदीप सिंह निज्जर समेत कुछ सिख अलगाववादियों के खिलाफ ‘सख्त’ कदम उठाने के बारे में नई दिल्ली ने अप्रैल में एक ‘गोपनीय मेमो’ जारी किया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह खबर भारत के खिलाफ ‘निरंतर दुष्प्रचार अभियान’ का हिस्सा है और जिस संस्थान ने यह खबर दी है वह पाकिस्तानी खुफिया एंजेसी के ‘फर्जी विमर्शों’ का प्रचार करने के लिए जाना जाता है। ऑनलाइन अमेरिकी मीडिया संस्थान ‘द इंटरसेप्ट’ ने खबर जारी की। बागची ने कहा, ‘हम दृढ़ता से कहते हैं कि इस प्रकार की खबरें फर्जी और पूरी तरह से मनगढ़ंत हैं। ऐसा कोई मेमो नहीं है।’
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 जून को कनाडाई धरती पर खालिस्तानी चरमपंथी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ भागीदारी का आरोप लगाया था। भारत ने आरोपों को ‘बेतुका’ बताते हुए दृढ़ता से उन्हें खारिज किया था। इसके बाद भारत ने कनाडा के राजनयिकों को भी बाहर का रास्ता दिखाया था। साथ ही कुछ समय के लिए कनाडा में अपनी वीजा सेवाओं पर भी रोक लगा दी थी।
‘द इंटरसेप्ट’ ने दावा किया है कि विदेश मंत्रालय द्वारा अप्रैल में जारी किए गए ‘गोपनीय मोमो’ में कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर सहित कई सिख चरमपंथियों की सूची थी जिनके खिलाफ भारत की खुफिया एजेंसियां जांच कर रही हैं।
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