लंदन (London)। भारत (India) की स्वतंत्रता (Independence) के बाद इंग्लैंड (England) में भारतीय प्रवासियों (Indian expatriates) का केंद्र रहा इंडिया क्लब (India Club) अब 70 साल बंद होने जा रहा है। इंडिया क्लब इंग्लैंड के लंदन (London) में स्थित है। बता दें, इंडिया क्लब को बंद करने के खिलाफ काफी लंबी लड़ाई लड़ी गई, जिसमें समर्थकों को हार का सामना करना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगले महीने सितंबर में क्लब हमेशा के लिए बंद हो जाएगा।
यह होगी अंतिम तारीख
इंडिया क्लब की प्रोपराइटर यादगार मार्कर (Yadgar marker) और उनकी बेटी फिरोजा ने इसके लिए सेव इंडिया क्लब नाम से अपील शुरू की। यह एक एतिहासिक बैठक स्थल और भोजनालय है। एतिहासिक बिल्डिंग लंदन के स्ट्रैंड के मध्य में स्थित है। बिल्डिंग को तोड़कर कर यहां एक आधुनिक होटल के लिए रास्ता बनाया जाएगा। बेटी फिरोजा ने इसे बंद करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि बहुत भारी मन से हमें घोषणा करना पड़ा रहा है कि अब सिर्फ 17 सितंबर तक इंडिया क्लब जनता के लिए खुला रहेगा।
गरीब भी यहां खाना खा सकता था
यूके के पहले भारतीय उच्चायुक्त कृष्ण मेनन क्लब के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे। इंग्लैंड के शुरुआती भारतीय रेस्तरां के कारण यह क्लब ब्रिटिश दक्षिण एशियाई समुदाय के रूप में बदल गया। 70 साल पहले भारतीय उपमहाद्वीप के पहली पीढ़ी के अप्रवासियों के लिए यह दूसरा घर बन गया था। फिरोजा का कहना है कि वे बचपन से अपने पिता के साथ यहां हाथ बंटाती थी। उन्होंने कहा कि मैं जब 10 साल की थी, तब से यहां आ रही हूं। क्लब के साथ 26 साल पुराना मेरा आत्मीयता का रिश्ता है। अब इसके बंद करने की घोषणा करना मेरे लिए दिल तोड़ने की तरह है। पिता ने मेनन के साथ भी काम किया था। सेंटर फॉर माइग्रेशन एंड डायस्पोरा स्टडीज की संस्थापक और अध्यक्ष पार्वती रमन ने बता कि मेनन का मानना था कि हम एक ऐसा क्लब बनाएं कि गरीब भारतीय भी यहां खाना खा सके। चर्चाओं में शामिल हो सके। राजनीति पर चर्चा कर सके। भविष्य की योजना पर काम कर सके।
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