नई दिल्ली। भारत और चीन (India and China) के बीच वित्त वर्ष 2004-05 से 2013-14 के बीच दस साल में व्यापार घाटा (trade deficit in ten years) बढ़कर 36.21 अरब अमेरिकी डॉलर (US$ 36.21 billion) रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में यह जानकारी दी है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक पूरक सवाल के जवाब में कहा कि वित्त वर्ष 2004-05 से लेकर 2013-14 के बीच चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 36.21 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 तक इसमें 100 फीसदी की वृद्धि हुई है।
पीयूष गोयल ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि वित्त वर्ष 2004-05 में चीन के साथ व्यापार घाटा 1.48 अरब अमेरिकी डॉलर था, जो वित्त वर्ष 2013-14 में बढ़कर 36.21 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में चीन के साथ व्यापार घाटा करीब 100 फीसदी बढ़कर 73.31 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि चीन से आयातित अधिकांश उत्पाद पूंजीगत सामान, मध्यवर्ती सामान और कच्चा माल है। इसका भारत में इलेक्ट्रोनिक्स, दूरसंचार एवं बिजली जैसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों की मांग को पूरा करने के लिए उनका उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए सरकार ने ‘पीएलआई’ योजना सहित कई कदम उठाए गए हैं, जिनके परिणाम सामने आने लगे हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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