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    India-China tension: सर्दियों में 40 हजार सैनिक तैनात रहेंगे एलएसी पर

  • September 18, 2020


    नई दिल्ली। लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तनाव सामान्य होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। सैन्य अधिकारियों के स्तर पर दोनों देशों के बीच बातचीत के लगातार बेनतीजा निकलने के बीच भारतीय सेना ने सर्दियों में सीमा पर डटे रहने की पूरी तैयारी कर ली है। बताया गया कि सर्दियों में ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर सेना ने 40 हजार अतिरिक्त सैनिकों के ठहरने का इंतजाम पूरा कर लिया है। यहां टेंपररेरी शेल्टर बना दिए गए हैं जहां सर्दियों में भी सैनिक डटे रह सकते हैं।
    जवानों के लिए वर्क शेल्‍टर बनाए गए
    वैसे तो हर साल सर्दियों में भी वहां सैनिक तैनात रहते हैं लेकिन बार एलएसी पर तनाव की वजह से 35 से 40 हजार अतिरिक्त सैनिक वहां तैनात किए गए हैं। सेना के एक अधिकारी के मुताबिक अतिरिक्त सैनिकों के लिए रहने का इंतजाम पूरा कर लिया गया है। इन्हें ऑपरेशल वर्क शेल्टर कहा जाता है। इसमें नीचे पक्का ढांचा होता है और चारों तरफ दीवार प्री-फेबरिकेटेड पैनल्स से बनाई जाती है। यह अलग-अलग साइज का होता है। 5-7 सैनिकों के रहने के इंतजाम से लेकर एक साथ 40 सैनिकों तक के रहने के लिए यह पर्याप्त होता है।
    अधिकारी ने बताया कि इसमें हीटिंग फैसिलिटी होती है। अगर बड़ा शेल्टर है तो सेंट्रलाइज्ड हीटिंग फैसिलिटी होती है और अगर छोटा शेल्टर है तो उसमें बुखारी (एक तरह का हीटर) इस्तेमाल होता है। जो सैनिक 12 हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर रहते हैं, उनके स्पेशल क्लोदिंग के साथ जो माउंटेनियरिंग इक्विपमेंट होते है उसमें खास तरह के टेंट भी शामिल होते हैं। ये टेंट कई लेयर के बने होते हैं ताकि अंदर गरम रहे। जो सैनिक एकदम फॉरवर्ड एरिया में तैनात होते हैं वह इन टेंट्स का इस्तेमाल करते हैं। वह वहां पर गड्डा बनाकर टेंट लगाते हैं और आसपास के ही पत्थरों से टेंट के चारों तरफ एक टेंपरेरी दीवार सी बना लेते हैं ताकि उसे हवा से बचाया जा सके।
    सीमा विवाद की वजह से अतिरिक्त तैनाती!
    अधिकारी के मुताबिक जो सैनिक पहले से ही वहां तैनात हैं। उनके लिए तो रहने के सारे इंतजाम पहले से ही थे। इस बार सैनिकों की संख्या बड़ी है। इसलिए अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि एलएसी में हालात खराब होने के बाद ही अतिरिक्त सैनिकों के रहने के इंतजाम के बारे में सोचा गया। यह ऑपरेशनल एक्सरसाइज हर साल की जाती है जिसमें एक पूरा खाका तैयार किया जाता है कि अगर जरूरत पड़ी तो किस तरह अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की जाएगी और किस तरह उनके रहने का पूरा इंतजाम होगा।
    उन्होंने बताया कि कई जगह सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर भी हैं जिनका शेल्टर के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा गाड़ियों को रखने के लिए जो शेड्स बनाए गए हैं वह भी रहने के लिए इस्तेमाल हो सकते हैं। वहां टैंकों को रखने के लिए भी कई शेड्स हैं लेकिन अब जब टैंक बाहर हैं तो इन शेड्स का इस्तेमाल भी रहने के लिए हो सकता है।

     

     

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