नई दिल्ली: डोकलाम, गलवान और तवांग सेक्टर में भारत और चीन (India and China) की सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद आज दोनों देशों के बीच चल रहे बॉर्डर विवाद (border dispute) पर बातचीत हुई है. वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कन्सल्टेशन (Working Mechanism for Consultation) एंड कॉर्डिनेशन की 26वीं बैठक भारत-चीन बॉर्डर अफेयर (WMCC) के तहत 22 फरवरी को की गई है. यह बैठक चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित की गई है. बता दें कि यह 2019 के बाद से पहली बॉर्डर अफेयर की पहली मीटिंग है.
यह मीटिंग भारतीय विदेश मंत्रालय के ईस्ट एशिया के जॉइंट सेक्रेटरी और चीनी विदेश मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल ऑफ बाउंड्री एंड ओसिएनिक अफेयर्स शामिल हुए हैं. दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पश्चिमी क्षेत्रों और शेष क्षेत्रों में विस्थापन के प्रस्तावों पर चर्चा की गई है. यह चर्चा खुले तौर पर की गई है. जो पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर अमन-चैन की बहाली में मदद करेगा. इतना ही नहीं इस मीटिंग में चर्चा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए स्थितियां बनाने की बात भी कही गई. चीनी विदेश मंत्रालय ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा है कि, ‘हमने सीमा तनाव कम करने के लिए भारत के साथ सहमति जताई है.
मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के हिसाब से दोनों देशों के बीच इन समझौतों के सही उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए दोनों देशों ने सीनियर कमांडर मीटिंग की मंजूरी दी है. यह 18वें कमांडर्स की मीटिंग होगी. दोनों देशों ने इस मुद्दे पर लगातार बातचीत जारी रखने पर मंजूरी है. इस दौरान कहा गया कि दोनों देश मिलेट्री और डिप्लोमेटिक चैनल्स के जरिए सीमा विवाद पर बातचीत जारी रखेंगे.
बता दें कि जून 2020 के बाद से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस दौरान चीनी सेना की ओर से तीन बार लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर माहौल खराब करने की कोशिश की गई थी. हालांकि भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना के तीनों प्रयासों को बेनतीजा कर दिया था. हाल ही में अरुणाचल के तवांग सेक्टर में भारत-चीन सेना के बीच तनाव की स्थिति बन गई थी.
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