नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2022 में 135.98 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। भारत और चीन के बीच द्वीपक्षीय व्यापार में वृद्धि का एक बड़ा कारण चीन से भारत में आयात में हुई 21 फीसदी से अधिक की वृद्धि है। वहीं दूसरी ओर भारत से चीन को हुए निर्यात में वर्ष 2022 में गिरावट दर्ज की गई। इससे देश का व्यापार घाटा पहली बार 100 अरब डॉलर के पार हो पहुंच गया है।
बीजिंग स्थित जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स (GAC) की ओर से शुक्रवार (13 जनवरी) को जारी आंकड़ों के अनुसार भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले साल 8.4% की वृद्धि के साथ 135.98 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसमें भारत की ओर से 118.5 अरब डॉलर का आयात किया गया है। पिछले वर्ष यह 97 अरब डॉलर था। चीन को भारत का निर्यात इस दौरान पिछले वर्ष 28.1 बिलियन डॉलर से घटकर 17.48 प्रतिशत रहा गया। इस तरह का व्यापार घाटा वर्ष 2022 में बढ़कर 101.02 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वर्ष 2021 के 69.4 अरब डॉलर की तुलना में इसमें 45% की वृद्धि दर्ज की गई।
2022 में चीन का कुल विदेशी व्यापार 7.7% बढ़कर 6.25 ट्रिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान निर्यात में 10.5% की वृद्धि दर्ज की गई। चीन के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार आसियान के साथ चीन का व्यापार 11.2% बढ़कर 975.34 अरब डॉलर हो गया। यूरोपीय संघ चीन के व्यापारिक साझेदारों में दूसरे स्थान पर रहे। उनके साथ चीन का व्यापार 2.4% बढ़कर 847.32 अरब डॉलर हो गया है। तीसरे नंबर पर अमेरिका का नंबर है।
चीन और अमेरिका के बीच व्यापार 0.6% बढ़कर 759.42 अरब डॉलर हो गया है। भारत में मांग में सुधार, मध्यवर्ती वस्तुओं के आयात में वृद्धि, और चिकित्सा आपूर्ति जैसे सामानों की नई श्रेणियों के आयात के कारण दोनों देशों के बीच का व्यापार वर्ष 2021 के रिकॉर्ड को भी पार कर गया है। विश्लेषकों ने चीन से भारत के बढ़ते आयात को एक चिंता के रूप में देखते हैं, उनका मानना है कि ये आंकड़े प्रमुख वस्तुओं की एक शृंखला के लिए चीन पर देश की निरंतर निर्भरता को दर्शाते हैं।
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