नई दिल्ली। भारत और चीन (India China) कल सुबह यानी 20 फरवरी को 10 बजे मोल्दो में 10वीं कॉर्प्स कमांडर (Comander) स्तर की वार्ता (Varta) करेंगे। सेना (Sena) के सूत्रों के मुताबिक पैंगोंग (Pegong) झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों से डिसइंगेजमेंट के बाद भारत और चीन बाकी फ्रिक्शन पॉइंट से डिसइंगेजमेंट पर चर्चा करेंगे। अब भारत और चीन के बीच इस बैठक में डेपसांग (Depsang) और गोगरा (Gogra) हॉट स्प्रिंग क्षेत्र का मुद्दा भी उठने की उम्मीद है। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा था कि LAC के अन्य क्षेत्रों को लेकर भी चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि ये स्पष्ट है कि भारत इन वार्ताओं के दौरान कुछ भी समझौता नहीं होगा। पिछली बातचीत में दोनों पक्षों ने 10 वें दौर की वार्ता करने पर भी सहमति व्यक्त की है। अब तक भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग झील के उत्तर और दक्षिण के तट पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। समझौते के अनुसार चीनी सैनिक (Chini Senik) वापस फिंगर 8 पर जाएंगे और भारतीय सैनिक धन सिंह थापा (Dhan Singh Thapa) पोस्ट (Post) फिंगर 2 और 3 के बीच वापस आएंगे। फिंगर टू और फिंगर थ्री पैंगोंग झील के उत्तरी क्षेत्र में है। राजनाथ सिंह ने कहा कि सैन्य गतिविधियों पर एक अस्थायी स्थगन होगा, जिसमें पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शामिल है।
लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan Valley) में पिछले साल जून में हुए संघर्ष में मारे गए अपने सैनिकों को लेकर चीन (China) ने लगभग नौ महीने तक चुप्पी साधे रखी। हालांकि, अब ‘ड्रैगन’ की चुप्पी टूटी है और उसने मारे गए अपने जवानों को लेकर जानकारी दी है। चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ के अखबार के हवाले से बताया है कि गलवान में चीन के चार सैनिक (Four Chinese Soldiers) मारे गए। वहीं, चीन ने क्षेत्र में तनाव पैदा का जिम्मेदार भारत को ठहराया है।
इस झड़प में भारतीय पक्ष के 20 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि, एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में बताया गया था कि इस झड़प में चीन के 40 से अधिक जवान हताहत हुए थे। नौ महीने में ये पहला मौका है, जब चीन ने इस घटना में मारे गए अपने जवानों की जानकारी दी है। ग्लोबल टाइम्स में भारतीय सेना पर आरोप लगाया है कि इसके सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को पार कर रहे थे। इसमें कहा गया है कि भारतीय सैनिक बड़ी संख्या में LAC पर तैनात किए गए। खबर में चीन के सैनिकों का गुणगान किया गया है।
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