नई दिल्ली। भारत-कनाडा (India-Canada) के रिश्तों में 14 अक्टूबर से खटास बनी हुई है, जब कनाडा सरकार ने निज्जर हत्याकांड (nijjar massacre) की जांच में उच्चायुक्त सहित भारतीय राजनयिकों पर गंभीर आरोप लगाया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया. अब इस मामले में केंद्र ने गुरुवार को संसद को बताया कि कनाडाई सरकार ने वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को बताया था कि अभी भी उनकी ऑडियो और वीडियो सर्विलांस की जा रही है और उनकी निजी बातचीत भी इंटरसेप्ट हो रही है.
इस मामले में भारत सरकार ने 2 नवंबर 2024 को एक नोट वर्बल के माध्यम से नई दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग के समक्ष औपचारिक विरोध दर्ज कराया, जिसमें इन कार्रवाइयों को राजनयिक प्रावधानों का घोर उल्लंघन बताया है.
‘कर्मचारियों का उत्पीड़न और धमकी देना न्यायसंगत नहीं’
राज्य मंत्री, कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि कनाडा सरकार को अपनी तकनीकी दलीलें पेश करने के बावजूद, भारत के कूटनीतिक कर्मचारियों के साथ उत्पीड़न और धमकियां देना न्यायसंगत नहीं है. इसके अलावा, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हाल ही में एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि कनाडा सरकार की तरफ से यह कदम कूटनीतिक मानकों के खिलाफ है और इससे स्थिति और बिगड़ती है.
भारत का अनुरोध, अधिकारियों को सुरक्षा दे कनाडा
इसके पहले इसी मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह कार्रवाई कूटनीतिक नियमों का खुला उल्लंघन है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे ‘उत्पीड़न और डराने की कोशिश’ बताया और कहा कि यह पहले से ही हिंसा और उग्रवाद के माहौल में काम कर रहे भारतीय अधिकारियों के लिए स्थिति को और खराब करता है. भारत ने कनाडा से यह भी अनुरोध किया है कि वह भारतीय नेताओं और राजनयिकों के खिलाफ जारी धमकियों और हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए
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