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    भारत के भी हो सकते हैं बांग्लादेश जैसे हालात, बोले सलमान खुर्शीद

  • August 07, 2024

    नई दिल्ली. कांग्रेस नेता (Congress leader) सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने मंगलवार को कहा कि बांग्लादेश (Bangladesh) में जो हो रहा है वह भारत में भी हो सकता है. हालांकि सब कुछ सामान्य लग सकता है. पूर्व केंद्रीय मंत्री खुर्शीद शिक्षाविद मुजीबुर रहमान (Educationist Mujibur Rahman) की किताब ‘शिकवा-ए-हिंद: द पॉलिटिकल फ्यूचर ऑफ इंडियन मुस्लिम्स’ (Shikwa-e-Hind: The Political Future of Indian Muslims’) की लॉन्चिंग के मौके पर बोल रहे थे.


    उन्होंने कहा, “कश्मीर में सब कुछ सामान्य दिख सकता है. यहां सब कुछ सामान्य लग सकता है. हम जीत का जश्न मना रहे होंगे, हालांकि निश्चित रूप से कुछ लोगों का मानना ​​है कि वह जीत या 2024 की सफलता शायद मामूली थी, शायद अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है.”

    पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, ”बांग्लादेश में जो हो रहा है वह यहां भी हो सकता है. हमारे देश में इसका प्रसार चीजों को तरीके से फैलने से रोकता है, जिस तरह से बांग्लादेश में फैलाया गया है.”

    बांग्लादेश जुलाई में हिंसक सरकार विरोधी प्रदर्शनों की लहर से हिल गया था, जिसके बाद वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और अपने देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस समय वह भारत में हैं और दूसरे देश में शरण लेने की तैयारी कर रही हैं.

    शाहीन बाग पर बोले RJD सांसद मनोज झा

    वहीं इस कार्यक्रम में आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ शाहीन बाग आंदोलन के बारे में बात की और कहा कि इसे उचित श्रेय नहीं दिया गया है. झा ने कहा, “शाहीन बाग की सफलता को उसकी उपलब्धियों की भव्यता के पैमाने पर नहीं मापा जाना चाहिए. याद रखें कि शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन क्या था…जब संसद हार गई, तो सड़कें जीवंत हो गईं.”

    सलमान खुर्शीद ने शाहीन बाग पर क्या कहा?

    साउथ-ईस्ट दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाओं के नेतृत्व में CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगभग 100 दिनों तक जारी रहा और पूरे देश में इसी तरह के प्रदर्शनों को प्रेरित किया. मनोज झा को लगता है कि शाहीन बाग आंदोलन सफल रहा, जबकि सलमान खुर्शीद का विचार था कि आंदोलन विफल रहा क्योंकि विरोध प्रदर्शन का हिस्सा रहे कई लोग अब भी जेल में हैं. खुर्शीद ने यह भी कहा कि आज देश में शाहीन बाग जैसा दूसरा आंदोलन नहीं हो सकता.

    कांग्रेस नेता ने कहा, “आपको बुरा लगेगा अगर मैंने कहा कि शाहीन बाग विफल हो गया? हम में से बहुत से लोग मानते हैं कि शाहीन बाग सफल हुआ, लेकिन मुझे पता है कि शाहीन बाग से जुड़े लोगों के साथ क्या हो रहा है. उनमें से कितने अभी भी जेल में हैं? उनमें से कितने हो सकते हैं उन्हें जमानत नहीं मिलेगी? उनमें से कितने लोगों के बारे में कहा जा रहा है कि वे इस देश के दुश्मन हैं?”

    उन्होंने कहा, “अगर मैं कल खुद से पूछूं कि क्या शाहीन बाग की दोबारा होगा और मुझे यकीन नहीं है कि ऐसा होगा क्योंकि लोगों को वास्तव में पीड़ा हुई है.”

    ओवैसी ने पूछा- अगर विपक्षी दलों की सरकार होती तो…

    इस कार्यक्रम में AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विधानसभाओं और संसद में मुसलमानों के कम प्रतिनिधित्व पर अफसोस जताया और यह भी सवाल किया कि अगर विपक्ष सत्ता में होता तो क्या मुसलमानों के लिए स्थिति बदल जाती. उन्होंने कहा, “हकीकत यह है कि मुसलमानों ने कभी भी किसी दक्षिणपंथी उम्मीदवार या बीजेपी को वोट नहीं दिया है. अगर अभी गैर-बीजेपी सरकार होती, तो क्या चीजें बदल जातीं? नहीं.”

    हिंदू दक्षिणपंथ के उदय के बारे में बात करते हुए ओवैसी ने कहा, “हिटलर ने यहूदी विरोधी भावनाओं का आविष्कार नहीं किया था. यह पहले से ही मौजूद थी. हमारे समाज में भी भूमिगत भावनाएं थीं.”

    उन्होंने कहा, ”हम अटल बिहारी वाजपेयी को उदारवादी कहते हैं. असल बात यह है कि वाजपेयी और आडवाणी इन सज्जन व्यक्ति के आगमन के लिए माहौल बना रहे थे.”

    थरूर बोले- विरोध प्रदर्शन में सभी धर्मों के लोग थे

    कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि वह शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से मिलने वाले पहले सांसदों में से थे और वे सिर्फ मुस्लिम नहीं थे, बल्कि सभी धर्मों के लोग थे. उन्होंने कहा, “पूरे देश में और मैं खुद सात विरोध प्रदर्शनों में गया हूं. विरोध प्रदर्शन में सभी धर्मों के लोग थे.”

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