ईटानगर (Itanagar) । सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में 1,748 किलोमीटर लंबे फ्रंटियर हाईवे (long frontier highway) में से 600 किलोमीटर से अधिक के निर्माण के लिए लगभग 16,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। ये हाईवे चीन सीमा (china border) के पास भारत को रणनीतिक बढ़त दिलाने में कारगर साबित होगा। सीमा पर कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार के लिए काम कर रही मोदी सरकार का ये बड़ा कदम माना जा रहा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रीनफील्ड हाईवे (एनएच 913) कई जगहों पर भारत-तिब्बत-चीन-म्यांमार सीमा के करीब-मुश्किल 20 किमी दूरी पर होगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि राजमार्ग खंडों के विकास से सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि फ्रंटियर राजमार्ग के निर्माण से स्थानीय लोगों को रोजगार के लिए बाहर जाने से रोकने और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर प्रवास की उम्मीद है। गडकरी ने कहा, “इससे माइग्रेशन पर अंकुश लगाने और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर रिवर्स माइग्रेशन होने की उम्मीद है।”
गडकरी ने कहा कि यह राजमार्ग ऊपरी अरुणाचल के निर्जन और कम आबादी वाले क्षेत्रों को जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है, जो इसे पर्यटन के लिए भी अनुकूल बनाता है। सूत्रों ने कहा कि सरकारी राजमार्ग एजेंसियां जल्द ही स्वीकृत हिस्सों के लिए बोली लगाएंगी और इस साल जुलाई-अगस्त तक काम शुरू हो जाएगा।
उन्होंने एक अलग पोस्ट में कहा कि मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग-716 पर तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश सीमा से पुत्तूर तक की मौजूदा दो-लेन वाली पक्की सड़क के विस्तार के लिए 1,346.81 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दे दी है। गडकरी ने कहा कि इस विकास का उद्देश्य निर्दिष्ट खंड को पूरी तरह से पहुंच-नियंत्रित गलियारे में बदलना है। यह तिरुथानी और तिरुपति के पवित्र शहरों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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