नई दिल्ली (New Delhi)। चीन की गोद में जा बैठे मालदीव (maldives)के बेहद करीब भारत ने अपना नौसैनिक अड्डा (naval base)शुरू कर दिया है। यहां से भारतीय नौसेना समुद्री सुरक्षा (Indian Navy Maritime Security)को लेकर और भी कड़ा पहरा दे पाएगी। गौरतलब है कि भारत विशाल हिंद महासागर क्षेत्र (India’s vast Indian Ocean region)में अपनी सैन्य उपस्थिति और पहुंच को बेहद मजबूत करने में जुटा है। यही वजह है कि भारतीय नौसेना ने बुधवार को लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप पर अपने नए अड्डा आईएनएस जटायु की शुरुआत की है। यह अड्डा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लक्षद्वीप द्वीपों के भीतर उसकी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाएगा। इसके अलावा, यह मालदीव के बेहद करीब है। लक्षद्वीप मालदीव से करीब 130 किलोमीटर दूर उत्तर की तरफ स्थित है।
अड्डे से नौसेना टुकड़ी की परिचालन पहुंच बढ़ेगी
इस अड्डे से नौसेना टुकड़ी की परिचालन पहुंच बढ़ेगी और यह पश्चिमी अरब सागर में समुद्री डकैती और ड्रग्स रोधी अभियानों में भारतीय नौसेना के प्रयासों में सहयोग करेगा। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने यहां आयोजित एक समारोह में नए अड्डे की शुरुआत की। आईएनएस जटायु को कमांडेंट व्रत बघेल की कमान में शामिल किया गया है। इस नवल बेस का नाम हिंदू महाकाव्य रामायण में एक विशाल पक्षी के नाम पर रखा गया है। रमायाण के मुताबिक, जब रावण सीता का हरण करके लंका ले जा रहा था तो जटायु ने सीता को रावण से छुड़ाने का प्रयत्न किया था। इससे पहले तक नौसेना के पास मिनिकॉय में एक अस्थायी अड्डा था जिसे अब पूर्ण बेस के रूप में चालू कर दिया गया है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक स्थिति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने मिनिकॉय में कहा कि नए बेस का चालू होना न केवल भारतीय नौसेना के लिए, बल्कि देश की समुद्री सुरक्षा और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक स्थिति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। कुमार ने कहा, ‘‘रामायण में जटायु ने सबसे पहले कदम उठाते हुए सीता जी के अपहरण को रोकने की कोशिश की। अपने जीवन को खतरे में डालकर, स्वयं से पहले सेवा का उदाहरण दिया। इसलिए इस इकाई का नाम जटायु रखना सुरक्षा निगरानी और निस्वार्थ सेवा प्रदान करने की भावना की एक उपयुक्त मान्यता है।’’ नौसेना प्रमुख ने कहा कि जटायु द्वारा भगवान राम को दी गई जानकारी से हालात का पता चला और आगे विजयी हुए।
10 मई के बाद भारतीय सैन्यकर्मी को देश के अंदर आने की अनुमति नहीं
मिनिकॉय लक्षद्वीप का सबसे दक्षिणी द्वीप है, जो कोच्चि से 215 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में है। यह 9 डिग्री चैनल के पास स्थित है, जो एक व्यस्त वैश्विक शिपिंग मार्ग है, और मालदीव के सबसे उत्तरी द्वीप से लगभग 80 समुद्री मील की दूरी पर है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा है कि 10 मई के बाद किसी भी भारतीय सैन्यकर्मी को उनके देश के अंदर आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि सादा कपड़ों में भी किसी भारतीय सैनिक को रुकने की इजाजत नहीं दी जाएगी। मुइज्जू का यह बयान तब आया है जब एक सप्ताह से भी कम समय पहले भारत की असैन्य टीम मालदीव में एक उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर का संचालन करने वाले सैन्यकर्मियों की जगह लेने वहां पहुंची थी।
10 मई के बाद देश में कोई भारतीय सैनिक मौजूद नहीं रहेगा
मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों के पहले समूह की वापसी के लिए 10 मार्च की समयसीमा तय की थी। भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए दो एडवांस हल्के हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान को संचालित करने के लिए लगभग 80 भारतीय कर्मी मालदीव में तैनात हैं। उन्होंने कहा, ‘‘10 मई के बाद देश में कोई भारतीय सैनिक मौजूद नहीं रहेगा। न ही वर्दी में और न ही सादे कपड़ों में। भारतीय सेना किसी भी तरह के कपड़ों में इस देश में नहीं रहेगी। मैं विश्वास के साथ यह कहता हूं।’’ चीन के करीबी माने जाने वाले मुइज्जू ने पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव में अपनी जीत के बाद मालदीव को खाद्य सुरक्षा और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत पर निर्भरता से दूर करने की मांग की है।
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