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    इन 9 सीटों पर बेहद करीबी अंतर से हार गया INDIA ब्लॉक, छोटे दलों ने बिगाड़ा खेल

  • June 08, 2024

    नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) में कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक (India Block) ने तमाम एग्जिट पोल को गलत साबित करते हुए जोरदार वापसी की है. भले ही वह बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाया लेकिन सभी विपक्ष के प्रदर्शन से हैरान हैं. आंकड़ों की मानें तो विपक्ष कम से कम नौ सीटें और जीत सकता था जहां वह बेहद करीबी अंतर से हार गया और किसी तीसरी पार्टी को अच्छी खासी संख्या में वोट मिले. इन पार्टियों ने संभवत: विपक्षी गठबंधन के वोट शेयर में कटौती (Reduction in vote share of opposition alliance) की है और इंडिया ब्लॉक को हार की ओर धकेल दिया.

    प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) ने महाराष्ट्र में कोई सीट नहीं जीती, लेकिन कम से कम चार सीटों पर उसे भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों के जीत के अंतर से अधिक वोट मिले. वीबीए को मिले वोटों ने अकोला, बुलढाणा, हटकनंगले और मुंबई उत्तर-पश्चिम में कांग्रेस और उसके सहयोगियों की संभावनाओं पर असर डाला.


    मुंबई उत्तर-पश्चिम में जीत हासिल करने वाली शिवसेना और दूसरे नंबर पर रही शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के बीच केवल 48 वोटों का अंतर था. वीबीए ने 10,000 से अधिक वोट हासिल किए, जिनसे इंडिया ब्लॉक को मदद मिल सकती थी. हटकनंगले में, उद्धव ठाकरे की शिवसेना 13,426 वोटों से हार गई, जबकि वीबीए को 32,696 वोट मिले. अकोला में कांग्रेस भाजपा से 40,626 वोटों से हार गई जबकि वीबीए ने अकेले 2.77 लाख वोट हासिल किए. महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने अंबेडकर के साथ कई दौर की बातचीत की लेकिन वह छह सीटों की अपनी मांग पर अड़े रहे.

    तीन अन्य सीटों- राजस्थान में जयपुर ग्रामीण, छत्तीसगढ़ में कांकेर और मध्य प्रदेश में मुरैना- पर इंडिया ब्लॉक की संभावनाओं को बहुजन समाज पार्टी ने भी प्रभावित किया. तीनों सीटों पर कांग्रेस बीजेपी से हार गई. जयपुर ग्रामीण में जीत का अंतर केवल 1,615 वोटों का था लेकिन बसपा को 3,850 वोट मिले. वहीं कांकेर में जीत का अंतर 1,884 वोट रहा, जबकि बसपा को 11,770 वोट मिले. इंडिया ब्लॉक के पास सबसे अच्छा मौका मुरैना में था, जहां जीत का अंतर 52,530 था और बसपा को 1.8 लाख वोट मिले थे.

    बाकी दो सीटें असम की करीमगंज और हरियाणा की कुरूक्षेत्र थीं. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने करीमगंज सीट जीतने की कांग्रेस की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया. करीमगंज में कांग्रेस बीजेपी से 18,360 वोटों से हार गई, जबकि एआईयूडीएफ को 29,205 वोट मिले. वहीं कुरूक्षेत्र में इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवार ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार डॉ. सुशील गुप्ता की राह बिगाड़ दी, जो भाजपा के उम्मीदवार नवीन जिंदल से चुनाव हार गए. जीत का अंतर सिर्फ 29,021 वोटों का रहा जबकि INLD उम्मीदवार को 78,708 वोट मिले.

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