बसवनगुड़ी: भारत स्वतंत्रता दिवस की 77वीं सालगिरह मना रहा है. इस मौके पर देशभर में कई जगहों पर ध्वजारोहण किया जा रहा है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी बसवनगुड़ी में तिरंगा फहराया. इस मौके पर भागवत ने कहा कि भारत ने दुनिया को रास्ता दिखाने के लिए आजादी हासिल की थी. बसवनगुड़ी के वासवी कन्वेंशन हॉल में समर्थ भारत संस्था ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर झंडारोहण का कार्यक्रम आयोजित किया. इस कार्यक्रम में तिरंगा फहराने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने ये बात कही.
इस दौरान भागवत ने राष्ट्रीय ध्वज के महत्व को समझने पर भी जोर दिया. साथ ही भागवत ने भारत का भी अर्थ बताया. भागवत ने कहा कि हम सूर्य की पूजा करते हैं और इसलिए हमें भारत कहा जाता है. इसमें भा का मतलब होता है रोशनी. सूर्य की आराधना स्वतंत्रता दिवस पर होने वाला एक सार्थक आयोजन है. इसी दौरान भागवत ने कहा कि भारत ने दुनिया को रास्ता दिखाने के लिए आजादी हासिल की थी.
भागवत ने बाताया तिरंगे के तीनों रंगों का मतलब
आजादी की 77वी वर्षगांठ पर तिरंगा फहराने के बाद भागवत ने राष्ट्रीय ध्वज के बारे में भी विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि झंडे में सबसे ऊपर नारंगी रंग बलिदान का प्रतीक होता है और ये तमसो मा ज्योतिर्गमय का संदेश देता है. इसका मतलब होता है अंधेरे से उजाले की तरफ जाना.
भागवत ने बताया कि झंडे में सफेद रंग शुद्धता और बिना किसी स्वार्थ के काम करने का प्रतीक होता है. वहीं हरे रंग को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने लक्ष्मी और समृद्धि का प्रतीक है, जो बौद्धिक, आध्यात्मिक और निस्वार्थ शक्ति की प्राप्त करने में मदद करता है.
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया को रास्ता दिखाने के लिए भारत को सक्षम होना होगा. अगर हम ऐसा नहीं कर पाते हैं तो इसकी वजह वो ताकतें होंगी जो देश को तोड़ने का प्रयास कर रही हैं. भागवत ने कहा कि हमें सतर्क रहना होगा और राष्ट्रीय ध्वज के संदेश के आधार पर ही काम करना होगा. भागवत का कहना है कि देश को एकसाथ लाना होगा ताकि ये ताकतें अपने मंसूबों में कामयाब न हो सकें.
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