भदोही। उत्तर प्रदेश को असीम सम्भावनाओं वाला राज्य बताते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में मजबूर राष्ट्र के तौर पर पहचाने जाने वाला भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व की बदौलत आज पूरी दुनिया में एक रोल माडल के तौर पर उभरा है। कालीन नगरी भदोही में 197.21 करोड़ रुपए की लागत से कारपेट एक्सपो मार्ट और 10 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण तथा पांच परियोजनाओं का शिलान्यास करने के बाद योगी ने गुरूवार को कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में भारत एक मजबूर देश के तौर पर जाना जाता था मगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया में एक रोल मॉडल बना है और एक मजबूत राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।
आज इस नये भारत के साथ सभी देश जुड़ना चाहते हैं। पिछले छह वर्षों में ऐतिहासिक कार्य किये गये हैं, जिसने भारत की तस्वीर को बदल दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आयी, तो देश में बिना भेदभाव के सभी सरकारी योजनाओं का लाभ सभी पात्र व्यक्तियों को दिया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय, किसानों को एमएसपी, किसान सम्मान निधि और आयुष्मान भारत जैसी अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से गांव, गरीब, किसान, युवाओं, महिलाओं सभी को सम्मान का जीवन देने का कार्य किया गया।
उन्होने कहा कि सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल, चन्दौली का ब्लैक राइस और कौशाम्बी का अमरूद राज्य के प्रकृति प्रदत्त उत्पाद हैं। देश से 5000 करोड़ रुपए मूल्य के कालीन प्रतिवर्ष निर्यात किए जाते हैं, जिसमें से 4000 करोड़ रुपए यानि 80 प्रतिशत निर्यात केवल भदोही जिला दुनिया के विभिन्न देशों में करता है। इसी प्रकार मुरादाबाद का 7,000 करोड़ रुपए के ब्रास का सामान निर्यात किया जाता है। कन्नौज का इत्र, अलीगढ़ के ताले, गोरखपुर के टेराकोटा और मेरठ के खेल के सामान पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में क्या नहीं है, आवश्यकता है प्रोत्साहन देने की और साफ नीयत की।
योगी ने कहा कि उनकी सरकार हस्तशिल्पियों व उद्यमियों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है जिसका नतीजा है कि स्थानीय उत्पाद देश की पहचान बन रहे हैं। हस्तशिल्पियों ने अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से भदोही के कालीन को वैश्विक पहचान दिलायी है। प्रदेश के पूर्वजों ने अपने-अपने क्षेत्रों को विशिष्ट पहचान देते हुए आगे की पीढ़ी के लिए स्वावलम्बन का मार्ग प्रशस्त किया। यही विशिष्टता आज के प्रयासों से ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना के माध्यम से संरक्षित एवं संवर्धित हो रही है।
उन्होने कहा कि दीपावली में राज्य में गोबर व मिट्टी के दीयों ने प्रदेश को रोशन किया। पहले मूर्तियां चीन से आया करती थीं, अब राज्य सरकार द्वारा ओडीओपी योजना के तहत गुणवत्तापूर्ण मूर्तियां प्रदेश में ही निर्मित की जा रही हैं। अयोध्या में ‘दीपोत्सव’ के दौरान सात लाख मिट्टी के दीये तथा जनपद वाराणसी में ‘देव दीपावली’ में रिकॉर्ड 30 लाख दीपों का प्रज्ज्वलन किया गया, जो यह दर्शाता है कि प्रदेश में अपार सम्भावनाएं हैं, उन सम्भावनाओं को एक दिशा देने की आवश्यकता है।
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