ढाका। भारत और बांग्लादेश ने वाणिज्यिक लेनदेन को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला किया है। दोनों देशों ने निर्णय लिया है कि अब से वे भारतीय रुपये और बांग्लादेशी टका में वाणिज्यिक लेनदेन करेंगे। अभी तक लेनदेन अमेरिकी डॉलर में होता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश के बाहर लेनदेन की सुविधा के लिए दो भारतीय बैंक भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और दो बांग्लादेशी बैंक सोनाली और ईस्टर्न बैंक में खाते खोले जाएंगे। सोनाली बैंक लिमिटेड के सीईओ अफजल करीम ने कहा, इससे दोनों देशों को फायदा होगा। उन्होंने आगे कहा कि भारत और बांग्लादेश के और बैंक भी धीरे-धीरे इस प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे। गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष में भारत से बांग्लादेश का आयात करीब 13.69% था। इसमें से दो बिलियन डॉलर का लेन-देन रुपये में किया जाएगा, लेकिन बाकी का भुगतान अमेरिकी डॉलर में होगा।
डॉलर में मजबूती से क्रूड के दाम तीन सप्ताह के निचले स्तर पर
डॉलर में मजबूती और ब्याज दरें बढ़ने की आशंका से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटकर तीन सप्ताह के निचले स्तर पर आ गईं। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.12 डॉलर सस्ता होकर 82 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अमेरिकी तेल मानक डब्ल्यूटीआई की कीमत 1.02 डॉलर घटकर 78.14 डॉलर प्रति बैरल रह गई।
दरअसल, अमेरिकी डॉलर सूचकांक इस सप्ताह अब तक करीब 0.3 फीसदी चढ़ चुका है। इसके साथ ही यह फरवरी के बाद अपने उच्च स्तर पर पहुंच गया है। अन्य मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में मजबूती से उन देशों के लिए तेल खरीदना महंगा हो गया है, जो अमेरिकी मुद्रा में लेनदेन करते हैं। इससे उन देशों में कच्चे तेल की मांग में गिरावट आई है। इसके अलावा, ब्रिटेन में महंगाई बढ़कर दहाई अंकों में पहुंच गई है। इससे अनुमान है कि बैंक ऑफ इंग्लैंड ब्याज दरों में और बढ़ोतरी कर सकता है। उधर, रूस के पश्चिमी बंदरगाहों से अप्रैल में तेल निर्यात 2019 के बाद सबसे अधिक होने की संभावना है।
रूस के आक्रमण के बाद पहली बार यूक्रेन पहुंचे नाटो प्रमुख
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेन्स स्टॉल्टनबर्ग पिछले साल रूस के आक्रमण के बाद से पहली बार यूक्रेन पहुंचे हैं। नाटो के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने का अनुरोध करते हुए बताया, नाटो महासचिव यूक्रेन में हैं। हम जल्द से जल्द और अधिक जानकारी प्रदान करेंगे। स्टॉल्टनबर्ग युद्ध शुरू होने से पहले यूक्रेन गए थे, लेकिन अब उनकी यात्रा यूक्रेन की स्वतंत्रता की रक्षा को लेकर नाटो की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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