वाशिंगटन (Washington)। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar) की हत्या के मामले में फिर भारत का नाम लेकर जहर उगलने वाले कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो (Canadian PM Justin Trudeau) को भारत और बांग्लादेश ने यूएन में ऐसी नसीहत दी है जो वो हमेशा याद रखेंगे। भारत और बांग्लादेश के राजनयिकों ने कनाडा से अपने यहां पूजा स्थलों पर हमले रोकने और नफरत फैलाने वाले भाषणों पर रोक लगाने की सिफारिश की है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की समीक्षा बैठक के दौरान प्रस्तुत किए प्रस्ताव में भारत, बांग्लादेश के अलावा श्रीलंकाई राजनियक ने कुछ सिफारिशें साझा की हैं।
यूएन में भारत और बांग्लादेश की कनाडा को यह नसीहत तब सामने आई है, जब कुछ दिन पहले जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड का मुद्दा उठाया और एक बार फिर इसके पीछे भारतीय एजेंटों का हाथ बताया। कहा था कि अगर ताकतवर देश ऐसा करेंगे तो यह दुनिया के लिए खतरनाक हो सकता है।
Today, the @UN family observed a moment of silence to mourn & honour our colleagues killed in Gaza.
Since the start of this conflict, more than 100 @UNRWA staff have lost their lives – the highest number of UN aid workers killed in a conflict in such a short time.
They will… pic.twitter.com/O9ZBy92Xu0
— António Guterres (@antonioguterres) November 13, 2023
यूएन में भारतीय राजनयिक मोहम्मद हुसैन ने परिषद की बैठक में इस मुद्दे को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय आवास रणनीति अधिनियम जैसे कनाडा के कई कानूनों का उल्लेख किया। वहीं, बांग्लादेश के राजनयिक अब्दुल्ला अल फोरहाद ने कनाडा से नस्लवाद, हेट स्पीच, घृणित अपराध और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव से निपटने के अपने प्रयासों को तेज करने का आग्रह किया। हालांकि, अल फ़ोरहाद ने मानव अधिकारों की सुरक्षा और मानव तस्करी से निपटने की रणनीति में कनाडा की सराहना जरूर की।
बांग्लादेश ने क्या कहा
अल फोरहाद ने कहा, “हम मानवाधिकारों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कनाडा की सराहना करते हैं। हम मानव तस्करी से निपटने के लिए उसकी राष्ट्रवादी रणनीति 2019-2024 से संतुष्ट हैं। इस सहयोग के बावजूद, बांग्लादेश कनाडा में नस्लवाद, हेट स्पीच, घृणित अपराध और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव से निपटने के अपने प्रयासों को तेज करने की सिफारिश करता है। सभी प्रवासियों, श्रमिकों और उनके परिवारों के सदस्यों के अधिकारों की सुरक्षा पर पर ज्यादा विचार करने की आवश्यकता है।”
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