नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण के इलाज व इसके प्रभाव को कम करने की दिशा में चल रहे अध्ययन और शोध कार्यों में सबसे ज्यादा आयुष की विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों से हैं। देश की क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया में दर्ज किए गए कुल 203 अध्ययन कार्यों में से 61.5 प्रतिशत काम आयुष क्षेत्र से है। आयुष मंत्रालय के मुताबिक देश में मार्च से जून तक कोरोना में आयुर्वेद के प्रभाव के अध्ययन को लेकर कुल 58 शोध कार्य दर्ज किए गए थे। इनमें से 70 फीसदी शोध कार्य मंत्रालयों और पीएसयू द्वारा पोषित हैं।
आयुष मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक आयुष के विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में किए जा रहे कुल 58 पंजीकृत परीक्षणों में से 52 ट्रायल परंपरागत हैं और 6 ट्रायल अवलोकन आधारित है। इनमें से 53 ट्रायल में भाग लेने वाले 18 साल से अधिक उम्र के हैं और 5 ट्रायल में 18 साल से कम उम्र के लोगों को शामिल किया गया है। इन ट्रायल का मकसद आयुष की विभिन्न पद्धतियों का कोरोना के उपचार में प्रभाव का पता लगाना है।
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