नई दिल्ली (New Delhi)। रूस भारत(russia india) का सबसे पुराना रणनीतिक साझेदार(Strategic partner) है। दोनों देशों के राजनयिक संबंध(Diplomatic relations) 77 साल से भी ज्यादा पुराने(much older) हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) की 8 जुलाई से शुरू हो रही रूस यात्रा से इन संबंधों में और मजबूती आएगी। रूस से भारत को न सिर्फ महत्वपूर्ण रक्षा सामग्री की आपूर्ति होती है, बल्कि टी-90 टैंक और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान का लाइसेंस के जरिये उत्पादन भी भारत में हो रहा है।
रूस से प्राप्त महत्वपूर्ण रक्षा सामग्री पर नजर डालें तो इसमें एस-400 सिस्टम, कामोव हेलीकॉप्टर, आईएनएस विक्रमादित्य और मिग विमान शामिल हैं। इतना ही नहीं, भारत और रूस संयुक्त उपक्रम के जरिये भारत में ए. के. 203 राइफलों एवं ब्रह्मोस मिसाइलों का भी उत्पादन कर रहे हैं।
रूस के साथ रणनीतिक संबंधों की सबसे बड़ी सफलता भी यही है। दोनों देशों के बीच क्रेता-विक्रेता संबंध संयुक्त अनुसंधान एवं विकास, सह विकास और संयुक्त उत्पादन तक पहुंच चुके हैं। ब्रह्मोस और एके 203 का उत्पादन इसकी मिसाल है। दोनों देशों के रक्षा संबंधों की यह सबसे बड़ी उपलब्धि है। सैन्य एवं सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग बना हुआ है, जिसकी अध्यक्षता दोनों देशों के रक्षा मंत्री करते हैं।
वर्ष 1971 से मित्रता
विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत और रूस के बीच 1971 में शांति, मित्रता और सहयोग संधि हुई थी। 1993 में मैत्री और सहयोग संधि हुई। दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की घोषणा वर्ष 2000 में हुई, जो 2010 में विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी में तब्दील हुई। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद जहां विश्व दो ध्रुव में बंटता दिखाई दिया, वहीं भारत और रूस के संबंधों में प्रगाढ़ता बनी रही।
पिछला शिखर सम्मेलन 2021 में हुआ
दोनों देशों के बीच पिछला शिखर सम्मेलन दिसंबर 2021 में आयोजित किया गया था। तब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिल्ली आए थे। वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन तीन वर्षों बाद हो रहा है, हालांकि इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन की मुलाकातें और फोन पर बातचीत कई बार हुई। पिछले दस सालों में मोदी-पुतिन की 16 बार मुलाकातें हुई हैं। आखिरी मुलाकात सितंबर 2022 में समरकंद में एससीओ सम्मेलन के दौरान हुई थी।
प्रधानमंत्री मोदी को मिल चुका रूस का सर्वोच्च सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी को 2019 में रूस के सर्वोच्च सम्मान ‘आर्डर ऑफ द एपोस्टल एंड्रयू द फर्स्ट’ से सम्मानित किया गया था। भारत-रूस के बीच 2023-24 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार 65 अरब डॉलर की रिकार्ड ऊंचाई तक पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सहयोग हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी), चेन्नई-व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर, अंटार्कटिक में सहयोग, कुंडानकुलम एनपीपी, अंतरिक्ष में सहयोग प्रमुख क्षेत्र हैं।
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